नई दिल्ली l रूस-यूक्रेन जंग के बीच तेल की बढ़ती कीमत को रोकने के लिए भारत अपने इमरजेंसी ऑयल स्टॉक का इस्तेमाल कर सकता है. रूस के यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ने से विश्व में हाहाकार मच गया है. एक तरफ जहां वैश्विक शेयर बाजार लगातार गिरावट में है वहीं, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमत भी थमने का नाम नहीं ले रही है. भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार पर कड़ी निगरानी कर रही है.
भारत कर सकता है ऐलान
रूस-यूक्रेन विवाद के बीच संभावित सप्लाई में रुकावट पर भी सरकार नजर बनाए रखी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय ने कहा कि भारत स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) से रिलीज के लिए पहलों को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे बाजार में उथल-पुथल को कम किया जा सके और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को भी काबू में किया जा सके.’ हालांकि अभी मंत्रालय ने इसकी मात्रा और समय पर विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
भारत के पास है रिजर्व ऑयल
आपको बता दें कि इस समय भारत के स्ट्रैटेजिक रिजर्व में 5.33 मिलियन टन या 39 मिलियन बैरल की रखने की क्षमता है, जो कोविड से पहले वित्त वर्ष 2020 के खपत के पैटर्न के हिसाब यह 9.5 दिनों के लिए पर्याप्त है. गुरुवार को कच्चा तेल 8 फीसदी की भारी बढ़ोतरी के साथ 105 डॉलर प्रति बैरल के आंकड़े को पार कर गया था. यह बढ़ोतरी रूस के यूक्रेन पर हमले शुरू करने के बाद हुई थी. लेकिन फिर यह वापस 97 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.
अमेरिका जारी करेगा रिजर्व तेल
अमेरिका ने इस समय में रिजर्व ऑयल जारी करने की बात की है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने गुरुवार को कहा था कि वह कुछ देशों के साथ एसपीआर से रिलीज पर काम कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर तेल का अतिरिक्त बैरल भी जारी करेंगे. इमरजेंसी रिजर्व को रिलीज करने से कीमतों पर अस्थायी असर ही पड़ता है. लेकिन, किसी भी कीमत में सरकार के ऐसे ऐलान से बाजार पर अच्छा असर पड़ता है. अगर वर्तमान की बात करें तो बाजार में एक डर जरूर है लेकिन, अब तक कोई फिजिकल सप्लाई में दिक्कत सामने नहीं आई है.
गौरतलब है कि नवंबर में, अमेरिका, भारत, ब्रिटेन, जापान और कुछ दूसरे देशों ने साथ मिलकर कीमतों को कम करने के लिए अपने स्ट्रैटेजिक रिजर्व से तेल को रिलीज करने का ऐलान किया था.
खबर इनपुट एजेंसी से