बेंगलुरु। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के केंद्र में बजरंगबली आ चुके हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि सत्ता में आने के बाद बजरंग दल को बैन कर देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की इस घोषणा पर जमकर पलटवार किया है। बीजेपी कार्यकर्ता भी कांग्रेस के विरोध में कर्नाटक के मंदिरों में हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। बीजेपी ने बजरंग दल के विवाद को बजरंगबली से जोड़कर कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। कांग्रेस के अलावा उसकी सहयोगी दलों की भी चिंचता बढ़ गई है।
बीजेपी ने मौके का फायदा उठाते हुए इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बना दिया है। इस बीच सी वोटर ने एबीपी न्यूज के लिए कर्नाटक में इस विषय पर एक सर्वे किया है। सर्वे के जो परिणाम सामने आए हैं, वह कांग्रेस की चिंता बढ़ा सकती है। सर्वे में बजरंग दल विवाद को लेकर जनता की क्या राय है? बैन करना सही या गलत? कुछ ऐसे सवाल पूछे गए थे। इस सर्वे में 8 हजार 272 लोगों से बातचीत की गई थी।
सवाल- बजरंग दल की PFI से तुलना सही?
हां: 35 प्रतिशत
नहीं: 38 प्रतिशत
पता नहीं: 27 प्रतिशत
सर्वे में शामिल 35 फीसदी लोगों का मानना है कि बजरंग दल की तुलना देश में प्रतिबंधित पीएफआई से करना सही है। वहीं,38 फीसदी लोगों का कहना है कि यह तुलना उचित नहीं है। 27 फीसदी लोग ऐसे भी हैं जिन्हें नहीं पता कि यह तुलना उचित है या नहीं।
जगह-जगह हनुमान मंदिर बनाए जाएंगे
ऐसा लगता है कि इस मामले से पहले कर्नाटक में फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस बैकफुट पर चली गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने गुरुवार (4 मई) को कहा कि हमारी सरकार आने के बाद जगह-जगह हनुमान मंदिर बनाए जाएंगे। साथ ही हनुमंता के विचारों को युवाओं तक पहुंचाने के लिए विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या है?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा, ‘हम मानते हैं कि कानून और संविधान पवित्र हैं। कोई भी व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और अन्य संगठन जो नफरत और दुश्मनी फैलाते हैं, चाहे वे बहुसंख्यक हों या अल्पसंख्यक, कानून का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं। हम कानून के अनुसार ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने सहित निर्णायक कार्रवाई करेंगे।”