नई दिल्ली : SpaceX के CEO एलॉन मस्क ने Starlink की डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विसेस का ऐलान कर दिया है. मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस सर्विस की टेस्टिंग का ऐलान किया है. एलॉन मस्क ने बताया कि डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट की बीटा सर्विस 27 जनवरी से शुरू होगी.
ग्लोबल मोबाइल कनेक्टिविटी की क्षेत्र में ये एक बड़ा कदम होगा. इस सर्विस के शुरू होने से यूजर्स की जमीन पर स्थित सेल टावर पर निर्भरता कम होगी. मस्क ने X पर लिखा, ‘स्टारलिंक डायरेक्ट, सैटेलाइट से सेल फोन पर इनरनेट कनेक्टिविटी की बीटा टेस्टिंग 3 दिनों में शुरू होगी.’
क्या होती है डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विस?
अब सवाल आता है कि डायरेक्ट-टू-सेल सैटेलाइट सर्विस क्या होती है? इस सर्विस की मदद से मोबाइल फोन्स सीधे सैटेलाइट से कनेक्ट हो सकेंगे. मोबाइल फोन्स की ट्रेडिशनल सेल्यूलर इंफ्रास्ट्रक्चर पर निर्भरता कम होगी. इसकी वजह से कम्युनिकेशन सेक्टर में नई क्रांति आएगी.
यूजर्स किसी भी लोकेशन से टेक्स्ट, कॉल और इंटरनेट जैसी सर्विसेस का इस्तेमाल कर पाएंगे. पारंपरिक टेलीकम्युनिकेशन में एक बड़ी चुनौती सेल टॉवर की मौजूदगी होती है. टॉवर की हर जगह मौजूदगी और उनका रखरखाव संभव नहीं होता है, जिसकी वजह से रिमोट एरिया में यूजर्स को कनेक्टिविटी नहीं मिलती है.
स्टारलिंग से मिलेगी मदद
वहीं सैटेलाइट बेस्ड डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस की वजह से यूजर्स को रिमोट एरिया में भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलती है. सामान्य भाषा में आप इसे स्पेस में मौजूद सेल टॉवर भी बोल सकते हैं. अच्छी बात ये है कि इसके लिए यूजर्स को एडिशनल हार्डवेयर या नए फोन की जरूरत नहीं होगी.
इसकी बीटा टेस्टिंग एक महत्वपूर्ण कदम है. Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस पहले से मौजूद है. यूक्रेन रूस युद्ध में जब जमीनी इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो गया, तो Starlink की मदद से यूक्रेन में इंटरनेट सर्विसेस मिल रही थी. ऐसे में डायरेक्ट-टू-सेल सर्विस भी आपदा की स्थिति में काफी मददगार साबित होगी.