नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार के खिलाफ INDIA गठबंधन बनाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहम भूमिका रही है। इससे पहले लालू प्रसाद यादव और नीतीश के मिलन ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बना दी और भाजपा को झटका लगा।
दल बदल की बात कही
इस बीच जनता दल यू और राष्ट्रीय जनता दल दोनों ही मजबूती के साथ मुखर होकर भाजपा और एनडीए सरकार के खिलाफ खड़े हैं। इस बीच राजनीतिक रणनीतिकार और रणनीतिज्ञ प्रशांत किशोर (PK)ने चौंकाने वाला बयान दिया है।प्रशांत किशोर ने अपने ताजा बयान में कहा है कि बिहार में जो आज राजनीतिक व्यवस्था है वह अगले चुनाव (लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनान) में भी हो, ऐसा जरूरी नहीं है। इस बयान के बाद अंदरखाने राजनीतिक दलों में हलचल बढ़ा गई है।
उन्होंने आगे कहा है कि भविष्य में कौन सा नेता या कौन सा राजनीतिक दल किधर भागेगा? ये कोई नहीं जानता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिहार में 7 दलों का गठबंधन है, लेकिन आगे भी ऐसा ही रहेगा, यह कहा नहीं जा सकता है।
नीतीश कुमार ने गठबंधन क्यों बनाया? इसे समझें
प्रशांत किशोर ने एक उदारण देते हुए बताया कि हमने वर्ष 2015 में गठबंधन बनाया था, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यू ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। इसका नतीजा यह निकला तो भाजपा बुरी तरह हारी और महागठबंधन आसानी से जीत गया। यह सिर्फ 3 दलों को गठबंधन था, जबकि वर्तमान में बिहार में 7 दलों का गठबंधन है। ऐसे में नहीं कहा जा सकता है कि आज की स्थिति भविष्य में भी रहेगी। दरअसल, कुछ समय बाद ही बिहार में लालू और नीतीश अलग हो गए थे।
डिनर पर मिले थे मोदी-नीतीश
यहां पर बता दें कि पिछले दिनों में जी-20 सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को डिनर पार्टी के लिए निमंत्रण भेजा था। इसमें बिहार के सीएम भी पहुंचे और उनकी मुलाकात पीएम मोदी से भी हुई। इसी को लेकर पीके की ताजा टिप्पणी आई है। उन्होंने इशारा किया है कि आगामी दोनों चुनाव (लोकसभा और विधानसभा) कब होंगे ये नहीं पता? लेकिन बिहार में जो आज की राजनीतिक व्यवस्था है उस तर्ज पर नहीं होंगे। इसके बाद राजनीतिक हलकों में पीके के इस बयान की चर्चा है।