भोपाल : देश की राजधानी दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस साल होने जा रहे 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत का लक्ष्य रखा। अन्य राज्यों के साथ पार्टी का विशेष ध्यान मध्य प्रदेश पर भी है जहां, 2018 में पार्टी को करीबी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। भले ही पार्टी को कांग्रेस की टूट का फायदा उठाकर सत्ता में आने का मौका मिल गया, लेकिन साख बचाने के लिए इस बार बड़ी जीत हासिल करनी होगी। इसी बैठक में यह भी तय हो जाएगा कि पार्टी गुजरात की तर्ज पर सरकार में फेरबदल करेगी या फिर मौजूदा टीम पर ही भरोसा जताया जाएगा।
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने सोमवार को दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लिया। गुजरात में पार्टी की शानदार जीत के बाद यह पहली राष्ट्रीय कार्यकारिणी है। एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बैठक में विशेष आमंत्रित हैं और शुरुआत से अंत तक इसमें मौजूद रहेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी बैठक में शाम को एक रोडशो के बाद पहुंचे। हालांकि, बैठक सुबह ही राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष की अगुआई में शुरू हो चुकी थी। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महासचिव हितानंदा शर्मा ने भी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के साथ इसमें हिस्सा लिया।
बताया जा रहा है कि बैठक में मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम जैसे चुनावी राज्यों के प्रभारियों से फीडबैक लिया गया। भाजपा महासचिव और मध्य प्रदेश के प्रभारी मुरलीधर राव ने सुबह के सत्र में मंथन में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शाम को मौजूद रहे, जब पीएम मोदी ने वरिष्ठ नेताओं को संबोधित किया।
इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और पार्टी इनके नतीजों को 2024 लोकसभा चुनाव के लिए काफी अहम मानती है। भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व मध्य प्रदेश को खास अहमियत दे रहा है और एक ऐसा प्लान तैयार किया जा रहा है जिससे ना सिर्फ 2018 में हुई चूक से बचा जाए बल्कि एक बड़ी जीत हासिल की जाए।
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 109 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कमलनाथ की अगुआई में कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल करके बाजी मार ली थी। कमलनाथ ने बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। हालांकि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों की टूट ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली और एक बार फिर शिवराज सिंह चौहान की वापसी हुई। प्रदेश में लोकसभा की 29 सीटें हैं और भाजपा ने 2019 में 28 सीटों पर कब्जा कर लिया था। 2014 में पार्टी को 27 सीटों पर जीत मिली थी। यही वजह है कि भाजपा विधानसभा चुनाव के अलावा लोकसभा चुनाव को लेकर भी मध्य प्रदेश पर अधिक फोकस कर रही है।
माना जा रहा है कि जेपी नड्डा के कार्यकाल को अगले लोकसभा चुनाव तक विस्तार दिया जा सकता है। जून 2019 में पार्टी के अध्यक्ष बने नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है। बताया जा रहा है कि यदि नड्डा को दोबारा मौका मिलता है तो मध्य प्रदेश के संगठन में बदलाव की संभावनाएं बेहद कम हैं। विधानसभा चुनाव में महज 10 महीने का वक्त बचा है और ऐसे में पार्टी बड़े बदलाव से किसी को नाराज करने से बचना चाहेगी। माना जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की जोड़ी बनी रह सकती है।