नई दिल्ली: झारखंड में अक्टूबर-नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मोर्चेबंदी शुरू कर दी है। राज्य में चुनाव प्रभारी के तौर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी के रूप में असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा की तैनाती इस दिशा में पहला कदम है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को इनकी नियुक्ति की सूचना जारी की। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों में से 9 पर भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टी आजसू ने जीत दर्ज की है। इसके बावजूद 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में उसे तीन सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है। राज्य में आदिवासियों के लिए आरक्षित पांचों सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
जीत की राह तैयार करेंगे शिवराज सिंह
ऐसे में विधानसभा के चुनाव में जीत की राह तैयार करने के लिए पार्टी को कई कील-कांटे दूर करने पड़ेंगे। यही वजह है कि इस बार चुनावी जंग का ‘सेनापतित्व’ शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा जैसे अचूक रणनीतिकारों को सौंपा गया है। एमपी में भाजपा को चार बार सत्ता दिलाने और हाल के लोकसभा चुनाव में वहां की सभी सीटों पर पार्टी की जीत में शिवराज सिंह चौहान का किरदार बेहद अहम रहा है।
हिमंता बिस्वा सरमा उन नेताओं में शामिल हैं, जो झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे को बेहद मुखर होकर उठाते रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि झारखंड में इन दोनों की जोड़ी पांच साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी का टास्क कैसे पूरा कर पाती है।
बंगाल पर भी निशाना
भाजपा के सियासी रोडमैप पर झारखंड बेहद अहम प्रदेश है। झारखंड की सीमाएं जिन पांच राज्यों के साथ लगती हैं, उनमें पश्चिम बंगाल को छोड़ बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और यूपी में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है। छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा में आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने आदिवासी बहुल झारखंड के लिए एक बड़ा संदेश दिया है। झारखंड की सत्ता में भाजपा पांच साल के बाद वापसी कर लेती है तो पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए किलेबंदी आसान हो जाएगी।
झारखंड बीजेपी अध्यक्ष उत्साहित
भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इन दोनों नेताओं की चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी के तौर पर नियुक्ति से उत्साहित हैं। वह कहते हैं, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि इन दोनों नेताओं के संयुक्त मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी झारखंड में मजबूत सरकार का गठन कर राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता को कांग्रेस-झामुमो के भ्रष्टाचार और कुशासन से मुक्ति दिलाएगी।” झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने भी इन दोनों नेताओं को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए एक्स पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आपके नेतृत्व में भाजपा झारखंड को लूट, झूठ और भ्रष्ट झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार से आजाद कराएगी।”
आजसू अध्यक्ष बोले- NDA की वापसी तय
ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने कहा है कि उनकी पार्टी का एनडीए नेतृत्व में पूर्ण विश्वास है। पार्टी लोकसभा की तरह विधानसभा का चुनाव एनडीए के साथ लड़ेगी और राज्य की मौजूदा सरकार की विदाई सुनिश्चित करेगी। सोमवार को हरमू स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की मौजूदा चंपई सोरेन सरकार ने जनता से जितने भी वादे किए, सारे झूठे साबित हुए। रोजगार और डोमिसाइल के लिए जिन वादों के साथ ये लोग सत्ता में आए थे, उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया।
सुदेश महतो ने कहा कि विपक्ष ने लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए के खिलाफ दुष्प्रचार किया। उन्होंने ‘संविधान बदलने’, ‘आरक्षण खत्म करने’ का झूठ फैलाया। जबकि, एनडीए के तमाम बड़े नेताओं ने झारखंड की इसी धरती पर कहा कि जब तक उनकी सांस है, कोई संविधान नहीं बदल सकता। आजसू अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने रोडमैप तैयार कर लिया है। हमारी पार्टी ने एनडीए के तहत गिरिडीह लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की है। वहां की जनता का आभार जताने के लिए 18 से 20 जून तक क्षेत्र में यात्राएं निकालेंगे। 22 जून को पार्टी अपने ‘स्थापना दिवस’ पर राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कार्यक्रम करेगी। इसके बाद जुलाई तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में जिला और ग्राम प्रभारियों की नियुक्ति कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि 16 अगस्त से 2 अक्टूबर तक सभी विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के नेता-कार्यकर्ता ‘पदयात्रा’ के जरिए लोगों को पार्टी और एनडीए की नीतियों से अवगत कराएंगे।