प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अपने नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा के साथ लुंबिनी बौद्ध विहार क्षेत्र में भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र के निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखी. निर्माण का कार्य पूरा हो जाने के बाद यह विश्व स्तरीय सुविधाओं वाला केंद्र बन जाएगा और यहां दुनिया भर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक पहलुओं का आनंद ले सकेंगे.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा ये बौद्ध केंद्र
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘हमारे सांस्कृतिक संबंधों को आगे ले जाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र का शिलान्यास किया.’ उन्होंने कहा कि इस केंद्र का निर्माण अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) की पहल पर हो रहा है. यह बौद्ध केंद्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा और यह नेपाल में पहला शून्य कार्बन उत्सर्जन भवन होगा.
मार्च 2022 में हुआ था समझौता
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, इस केंद्र का निर्माण भारत स्थित अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) कर रहा है. इसके लिए आईबीसी को लुंबिनी विकास ट्रस्ट द्वारा एक भूखंड आवंटित किया गया है. इस संदर्भ में IBC और लुंबिनी विकास ट्रस्ट के बीच मार्च 2022 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे.
शिलान्यास समारोह के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने केंद्र के एक मॉडल का भी अनावरण किया. शिलान्यास के लिए पूजा अर्चना तीन प्रमुख बौद्ध परंपराओं थेरवाद, महायान और वज्रयान से संबद्ध भिक्षुओं ने की.