नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी बीच, समाजवादी पार्टी की एंट्री के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने भी जम्मू कश्मीर की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है.
पार्टी ने जम्मू में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रवक्ता ए.के. बाजपेयी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया.
‘पूरी ताकत से लड़ेंगे घाटी में चुनाव’
एके बाजपेयी ने कहा कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकसभा चुनावों में जिस तरह से मतदान किया, वह यह दर्शाता है कि यहां के लोग लोकतंत्र में पूर्ण विश्वास रखते हैं. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के लिए बड़ी जीत है.”
बाजपेयी ने आगे कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर में भी एनडीए के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का प्रयास करेंगे और एनडीए-भाजपा को मज़बूत करने के लिए काम करेंगे. अनुच्छेद 370 को हटाने में हमारे सहयोग ने एनडीए को ताकत दी थी, और अब जब नेशनल कांफ्रेंस और कुछ अन्य पार्टियां इसे फिर से लागू करने का प्रयास कर रही हैं, हम उन्हें ऐसा करने में सफल नहीं होने देंगे.’
जम्मू-कश्मीर में गरमाएगा सियासी माहौल
गौरतलब है कि अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के बाद अब चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी की यह घोषणा जम्मू-कश्मीर के चुनावी माहौल को और भी गरमाने वाली है. अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में पार्टी किस तरह से अपनी रणनीति को आगे बढ़ाती है.
370 हटने के बाद पहली बार असेंबली चुनाव
2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. यह चुनाव तीन चरणों में होगा, पहला चरण 18 सितंबर को, उसके बाद 25 सितंबर और तीसरे चरण का चुनाव एक अक्टूबर को होगा. मतगणना 8 अक्टूबर को होगी.
जम्मू-कश्मीर चुनाव अब बेहद दिलचस्प हो गया है. एक तरफ कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सीट बंटवारा हो चुका है. तो दूसरी ओर पीडीपी भी चुनावी मैदान में है. पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा सीटें पीडीपी को ही मिली थीं. उसके बाद उसने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जो बाद में गिर गई थी. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) 51 और कांग्रेस 32 सीटों पर लड़ेगी.