भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly elections 2023) में इस दफा जीत का सेहरा किससे सिर बंधेगा. फैसला जनता को करना है. राजनीतिक दल परीक्षा की तैयारी में पूरी तरह जुट चुके हैं. मतदाताओं को लुभाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. अपनी कामयाबी और विरोधी पक्ष की नाकामी को आधार बना वोटर्स के दिल में उतरने की पूरी तैयारी. इन सबके बीच यहां हम बात पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी की करेंगे. पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश की जनता के नाम एक चिट्ठी लिखी. उस चिट्ठी के जरिए उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chouhan )की जमकर तारीफ की. यह बताया कि किस तरह से बीमारू राज्यों की श्रेणी से उन्होंने मध्य प्रदेश को बाहर निकाला. हालांकि वोट देने के मुद्दे पर लिखा कि मतदाता उन्हें ख्याल में रख अपने कीमती मत का इस्तेमाल करें. यहां पर समझने की कोशिश करेंगे कि इस तरह के संदेश देने के पीछे मकसद क्या है.
चिट्ठी में पीएम मोदी ने क्या लिखा
पीएम मोदी (Narendra Modi Letter )ने खत के जरिए मध्य प्रदेश के प्रति अपने विशेष प्रेम का इजहार किया.उन्होंने लिखा कि इस राज्य से उनका खास रिश्ता रहा है. 2014 और 2019 के नतीजों में जिस तरह से यहां की जनता ने उनमें भरोसा दिखाया वो यहां के मतदाताओं के प्रेम को जाहिर करता है. जिन कोशिशों के बाद यह राज्य बीमारू राज्यों के टैग को हटा चुका है उसके पीछे कुशल नेतृत्व है. ऐसे में भरोसा है कि जनता एक बार उन्हें अपना समर्थन देगी. बीजेपी में भरोसा जताएगी ताकि एक बार फिर डबल इंजन की सरकार बने.
क्या हैं दो सवाल
अब यहां दो सवाल उठते हैं कि एक तरफ सीएम शिवराज सिंह की कामयाबी की मुक्त कंठ तारीफ तो दूसरी तरफ जनता से अपने नाम समर्थन देने की अपील. इसके लिए मध्य प्रदेश की राजनीति में करीब 20 साल पीछे चलना होगा. मध्य प्रदेश की राजनीति में 15 साल तक कांग्रेस सत्ता में काबिज रही लेकिन मतदाताओं ने जब मन बदला तो दिग्विजय सिंह की गद्दी डोल गई. और राज्य की सत्ता पर बीजेपी का कब्जा हो गया. सूबे की सीएम उमा भारती बनीं. यह बात दीगर है कि कानूनी झमेलों की वजह से उमा भारती की गद्दी चली गई.
पहली बार 2005 में सीएम बने शिवराज
सरकार की कमान शिवराज सिंह के हाथ कमान आ गई. शिवराज सिंह ने जनता की नब्ज को समझा और खुद को नए अवतार (मामा) में पेश किया और उसका फायदा भी मिला. 2008, 2013 के चुनाव में उनकी अगुवाई में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब रही. यह बात अलग है कि 2018 में तस्वीर बदली और सत्ता कांग्रेस के हाथ में थीं लेकिन एक साल बाद ही सियासी समीकरणों ने करवट ली और सत्ता एक बार फिर उनके हाथ में थी. शिवराज सिंह चौहान की कामयाबियों को जिक्र करने के पीछे सिर्फ वजह यह है कि एमपी की जनता का भरोसा उनमें बरकरार रहा है, ऐसे में पीएम मोदी की चिट्ठी का क्या मतलब है उसे समझिए.
मध्य प्रदेश की राजनीति पर नजर रखने वालों के मुताबिक बीजेपी में कई धड़े (नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंह सिंधिया, नरोत्तम मिश्रा ) हैं जो अपनी राग अलापते हैं. लिहाजा राज्य स्तरीय नेताओं में मनभेद और मतभेद को कम करने के लिए पीएम मोदी ने मतदाताओं के जरिए संदेश देने की कोशिश की. पीएम मोदी ने एक तरफ शिवराज सिंह चौहान की तारीफ कर यह बताया कि वो पार्टी के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं तो दूसरी तरफ अपने नाम का जिक्र कर यह समझाने की कोशिश की यह चुनाव भले ही विधानसभा का हो असली लड़ाई तो 2024 की है.
पीएम मोदी को पता है कि देश के सबसे बड़े सूबों में से एक मध्य प्रदेश के नतीजों को विपक्ष यानी इंडिया गठबंधन अपने लिहाज से व्याख्या करेगा. ऐसी सूरत में इस तरह के प्रयास किए जाएं कि विपक्ष के पास हमलावर होने का मौका ना मिले लिहाजा एक तरफ सीएम शिवराज सिंह की तारीफ तो दूसरी तरफ अपने नाम जनता से समर्थन की अपील की.