भोपाल: मध्य प्रदेश में मौसम बदल रहा है, लेकिन हवा का हाल चिंताजनक होता जा रहा है. हाल ही में हुई बारिश ने भले ही तापमान में गिरावट लाई हो, लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार नहीं हुआ. राज्य के प्रमुख शहरों इंदौर और ग्वालियर में हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
ग्वालियर बना सबसे प्रदूषित शहर, इंदौर भी पीछे नहीं
गुरुवार, 20 मार्च 2025 की सुबह ग्वालियर का AQI 185 तक पहुंच गया, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है. यह स्तर सामान्य लोगों के लिए भी हानिकारक साबित हो सकता है. वहीं, देश का सबसे स्वच्छ शहर कहे जाने वाले इंदौर की हवा भी अब जहरीली होने लगी है. यहां AQI 139 दर्ज किया गया, जो वायु प्रदूषण में वृद्धि को दर्शाता है.
भोपाल में AQI 126, उज्जैन में 96 और जबलपुर में 97 दर्ज किया गया. हालांकि, उज्जैन और जबलपुर की हवा तुलनात्मक रूप से बेहतर है, लेकिन इंदौर और ग्वालियर में बढ़ता प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है.
बदलते मौसम के बीच क्यों बिगड़ रही है हवा?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के जाते ही हवा में धूलकण और प्रदूषकों की मात्रा बढ़ जाती है. वाहनों का धुआं, निर्माण कार्यों से उठने वाली धूल और कारखानों से निकलने वाला धुआं इसमें बड़ा योगदान देता है. इसके अलावा, बारिश के बाद नमी के कारण भी वायु गुणवत्ता प्रभावित होती है.
नई दिल्ली में सांस लेना हुआ मुश्किल
अगर हम देश की राजधानी की बात करें तो नई दिल्ली का हाल और भी बुरा है. यहां AQI 270 दर्ज किया गया, जिससे यह दुनिया के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया. चुनावी माहौल में भी हवा की खराब स्थिति बड़ा मुद्दा नहीं बन पाई है, जबकि यहां रहने वाले लोग सालभर प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं.
कैसे करें प्रदूषण से बचाव?
घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनें.बच्चों और बुजुर्गों को सुबह-शाम खुली हवा में जाने से बचाएं. घर के अंदर पौधे लगाएं और वायु शोधक का उपयोग करें. वाहनों का कम से कम उपयोग करें और सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें.
आपके शहर की हवा कैसी है?
अगर आप अपने इलाके की हवा की स्थिति जानना चाहते हैं तो मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट www.erc.mp.gov.in पर जाकर रियल-टाइम डेटा देख सकते हैं.