वाराणसी। इससे देश और दुनिया के कोने-कोने से आने वाले शिव भक्तों को न केवल धक्कम-धुक्की का सामना करना पड़ रहा था, बल्कि उनके साथ दुर्व्यवहार जैसी शिकायतें भी मिलनी शुरू हो गई थी. इस बात का संज्ञान लेते हुए वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने यह निर्णय लिया कि आम थानों की पुलिसिंग के इतर मंदिर की पुलिसिंग होती है. जिसके लिए विशेष तौर पर पुजारियों के वेश में पुलिसकर्मियों के तैनाती बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में होगी.
पुजारी के वेश में तैनात रहेंगे पुलिसकर्मी
ऐसा करने के पीछे खुद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि श्रद्धालु पुजारी की बातों को सहज स्वीकार कर लेते हैं. इसलिए ऐसी जगह पर पुलिसकर्मी पुजारियों के वेश में रहेंगे. उन्होंने बताया कि तैनात पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को गाइड भी करेंगे कि उनको बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए कहां पर ध्यान केंद्रित करना है. क्योंकि आमतौर पर देखा जाता है कि भारी भीड़ के समय श्रद्धालु मंदिर की चकाचौंध में खो जाते हैं और उन्हें बाबा विश्वनाथ का दर्शन नहीं हो पाता है.
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि पुजारी के वेश के अलावा पुलिसकर्मी अपनी वर्दी में भी तैनात रहेंगे और महिला पुलिसकर्मी खास तौर से महिलाओं को दर्शन के बाद आगे बढ़ते रहने के लिए अपील करती रहेंगी. उन्होंने आगे बताया कि इस नए प्रयोग में जो टच पॉलिसी का भी होगा. क्योंकि वीआईपी मूवमेंट के समय श्रद्धालुओं को आमतौर पर पुलिसकर्मी हटा देते हैं. इससे उनको ठेंस पहुंचता है और वह नकारात्मक सोच लेकर मंदिर से जाते हैं.
वीआईपी मूवमेंट के वक्त श्रद्धालुओं को नहीं लगेगा धक्का
मोहित अग्रवाल का कहना है कि इसी से बचने के लिए बकायदे वीआईपी मूवमेंट के वक्त रस्सी से एक घेरा बना दिया जाएगा. इससे श्रद्धालु खुद ब खुद बिना धक्का लगे दूरी पर रहेंगे. उन्होंने आगे बताया कि मंदिर में ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों की बकायदे 3 दिनों की ट्रेनिंग होगी. क्योंकि थानों पर ड्यूटी से बिल्कुल अलग मंदिर पर ड्यूटी करना होता है.
पुलिसकर्मियों को मृदुभाषी और विनम्र होने की मिलेगी ट्रेनिंग
ट्रेनिंग में पुलिसकर्मियों को मृदु भाषी होने के साथ ही अन्य प्रादेशिक भाषाओं का भी थोड़ा-थोड़ा ज्ञान दिया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को समझा सके. प्रशासन की तरफ से एक हेल्प डेस्क की व्यवस्था मंदिर में की जा रही है. पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने आगे बताया कि ट्रेनिंग के दौरान पुलिसकर्मियों को काशी के प्रमुख स्थलों के बारे में भी बताया जाएगा और उनको श्रद्धालुओं को देने के लिए पर्चा भी दिया जाएगा. इससे वे श्रद्धालुओं की जिज्ञासा को पूरी तरह से शांत कर सके.