नई दिल्ली: केरल के पलक्कड़ में चल रहे आरएसएस समन्वय बैठक के दूसरे दिन यानी रविवार को कुल 5 सत्र आयोजित किए गए. इन सभी सत्रों को समूहों में बांटकर चर्चा आयोजित की गई. शिक्षा, सुरक्षा, आर्थिक पॉलिसी और सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. समन्वय बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि राजनीतिक दल भारत के हिंदू समाज को जातीय वर्गों में तोड़ने की कोशिश करते रहेंगे लेकिन संघ का काम है सामाजिक समरसता बनाए रखना और सबको साथ रखना. उन्होंने कहा कि हमें संघ की सोच के आधार पर सबको साथ लेकर चलना है. सामाजिक समरसता बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है.
समाज में समरसता बनी रहे- भागवत
सूत्रों के मुताबिक, भागवत ने कहा कि सामाजिक वर्गीकरण के भी कई आयाम होते हैं. राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के चलते इस तरह की मांग करते रहेंगे. ये होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए सरकार और कोर्ट का काम है. हमारा जो काम है और संघ जिसके लिए बना है वो हमको करते रहना है. देश के लिए समाज को एकजुट करना. सभी को साथ लेकर चलना. समाज में ऊंच नीच को खत्म करने के निरंतर प्रयास करना. इसके लिए समाज में सामाजिक गतिविधियों से संबंधित कामों को और तेज करना है. लोगों में आपसी भाई चारे और प्यार को बनाए रखना है. तभी समरसता का प्रभाव देखने को मिलेगा. भागवत ने आगे कहा कि हमें एकजुट होकर और सबको एकजुट रखकर चलना है, जिससे कि समाज में समरसता बनी रहे.
वहीं, बाकी सत्रों में एक सत्र को शिक्षा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा और प्रभाव के रूप में आयोजित किया गया था. इसमें विभिन्न अनुसांगिक संगठनों में समन्वय पर भी चर्चा की गई. सत्र में भारत सरकार के न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर चर्चा हुई. इसमें मुख्य तौर पर इस बात पर चर्चा हुई कि इसे कहां कहां लागू किया गया. न्यू एजुकेशन पॉलिसी का शिक्षा के क्षेत्र में और समाज पर क्या प्रभाव पड़ा.
राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा
आरएसएस की बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में विस्तृत चर्चा हुई. इसमें बांग्लादेश में हो रही उथल-पुथल के कारण भारत की सुरक्षा चिंता पर चर्चा की गई इसके अलावा देश के कई पड़ोसी मुल्कों जिसमें चीन, अफगानिस्तान से बढ़ते खतरों के मद्देनजर देश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक व्यापक रणनीति के तहत कदम उठाने को लेकर चर्चा की गई.
इसके तहत बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई. बांग्लादेश में हिंदुओं की प्रताड़ना, उनके विस्थापन की समस्या और उनके पुनर्वास को लेकर एक विस्तृत चर्चा की गई. इस मुद्दे पर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों के अलावा और क्या क्या किया जा सकता है इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. जम्मू कश्मीर और घाटी में हिंदुओं पर आगामी खतरे को लेकर बात रखी गई. सूबे में हिंदुओं और पाकिस्तान के तरफ से अशांति फैलाने के प्रयासों को कुंद करने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
सरकार की आर्थिक पॉलिसी पर भी चर्चा
संघ के राष्ट्रीय समन्वय में केंद्र सरकार की आर्थिक पॉलिसी पर चर्चा की गई. इस बैठक में भारतीय मजदूर संगठन, स्वदेशी जागरण मंच, किसान संघ जैसे दूसरे संगठनों ने भारतीयता और भारत में बने उत्पादों को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने पर चर्चा की. इस बैठक में स्वदेशी चीजों को बढ़ावा और इनपर फोकस बनाए रखने की बात कही गई. आर्थिक मुद्दों पर चर्चा के दरमियान देश के व्यवसायियों और व्यसायी संगठनों को सेम पेज पर लेकर उनके हितों की रक्षा पर चर्चा की गई. इसके साथ हो आर्थिक चर्चा के दौरान इस बात पर गहन चर्चा की गई कि सरकार के तमाम योजनाओं का अधिक से अधिक किसानों को कैसे फायदा हो? और छोटे दुकानदारों, व्यापारियों की आर्थिक स्थिति भी भी ध्यान रखा जाये.