देहरादून: राजनीतिक और सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोग कभी अपनों से तो कभी विरोधियों से मिलते ही रहते हैं. लेकिन कुछ मुलाकातों की टाइमिंग ऐसी होती है जिससे फिजा में तरह-तरह के सवाल तैरने लगते हैं और उनके मायने तलाश किए जाने लगते हैं. रविवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कांग्रेस के कद्दावर नेता और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह के बीच हुई मुलाकात से ठीक पहले कांग्रेस आला कमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता और उपनेता प्रतिपक्ष के नामों का ऐलान कर दिया.
इस मुलाकात के तलाशे जा रहे हैं कई मायने
सीएम धामी और प्रीतम सिंह की मुलाकात के कई मायने तलाशे जा रहे हैं. कांग्रेस आलाकमान एक माह से फैसला लेने में टालमटोल कर रहा था, वह सामने आते ही सच साबित हुई. प्रीतम सिंह का खेमा, यशपाल आर्य, भुवन कापड़ी, करण माहरा को तवज्जो देने से ही भड़क उठा. कई लोगों के इस्तीफों ने प्रीतम खेमे की नाराजगी पर मुहर भी लगा दी.
सीएम धामी से मिलकर दिया कई चर्चाओं को जन्म
इसके ठीक बाद अप्रत्याशित रूप से प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से मुलाकात कर कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया. हालांकि इस मुलाकात के बारे में प्रीतम और मुख्यमंत्री दोनों के करीबी लोगों का कहना है कि चर्चा राज्य के विकास और बेहतरी को लेकर हुई. लेकिन मुलाकात जिस हालात में हुई उसको लेकर सियासी पंडितों का मानना है कि पार्टी में अपनी रुसवाई से क्षुब्ध प्रीतम अपने और अपनों के लिए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने से मायूस हैं समर्थक
प्रीतम सिंह को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाए जाने से उनके करीबी पार्टी नेता व समर्थक मायूस हुए हैं. पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव गिरीश पुनेड़ा ने कांग्रेस छोड़ने की घोषणा की है. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने बीते दिनों पार्टी में उनकी ओर से बनाए गए डिजिटल सदस्यों से माफी मांगी. पार्टी छोड़ने से पहले पुनेड़ा ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर भी निशाना साधा.