देहरादून: उत्तराखंड में पिछले दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेसी नेता हरक सिंह रावत के कई ठिकानों पर विजिलेंस ने छापेमारी की थी. रावत के ठिकानों पर विजिलेंस की छापेमारी के बाद उत्तराखंड में राजनीति गर्मा गई है. विजिलेंस की रेड को लेकर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर बड़ा हमला बोला है. कांग्रेस की की प्रवक्ता गरिमा दोसानी ने कहा कि बीजेपी और प्रदेश की सरकार बदले की भावना से काम कर रहे हैं और इसीलिए पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को परेशान करने के लिए विजिलेंस के द्वारा कार्रवाई कराई जा रही है. दोसानी ने कहा कि रावत को परेशान करने के लिए बीजेपी तरह-तरह के प्रपंच रच रही है. इसी क्रम में विजिलेंस के द्वारा उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की गई है जबकि हरक सिंह रावत किसी भी प्रकार के घोटाले में शामिल नहीं है. दोसानी ने आरोप लगाया कि बीजेपी अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस प्रकार के हथकंड़े अपना रही है.
कांग्रेस के इस बयानबाजी पर बीजेपी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया है. बीजेपी प्रवक्ता मानवीर चौहान ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से घोटाले की जननी रही है. कांग्रेस के नेता घोटाले में फंसते हैं तो इसमें बीजेपी का हाथ कहां से हो सकता है. उन्होंने कहा कि पूर्व कैबिनेट मंत्री पहले से ही चर्चाओं में रहने वाले रहे हैं. विजिलेंस के द्वारा एक मुकदमा दर्ज किया गया था जो कि अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान को लेकर विजिलेंस ने दर्ज किया था. उसी क्रम में विजिलेंस अपनी कार्रवाई कर रही है. इसमें बीजेपी का या सरकार का कोई भी हाथ नहीं है. मानवीर चौहान ने आरोप लगाया कि केवल हमें बदनाम करने के लिए कांग्रेस शोर मचा रही है जबकि यह सभी जानते हैं कि घोटाले किसने किए हैं और घोटालेबाज पार्टी कौन है? मानवीर चौहान ने आगे कहा कि हमारा किसी भी प्रकार से इस पूरे घटनाक्रम में कोई हाथ नहीं है. एजेंसियां अपना काम करती हैं इसके लिए ना तो सरकार उन पर दबाव बनाती है ना ही पार्टी.
हरक सिंह रावत ने सरकारी पैसे से खरीदीं कई संपत्तियां- विजिलेंस
बता दें कि उत्तराखंड विजिलेंस के द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज और कई अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई. कॉलेज के अंदर से एक बड़ा जनरेटर भी विजिलेंस टीम उठाकर अपने साथ ले गई. विजिलेंस के अधिकारियों की माने रावत ने सरकारी पैसे का दुरुपयोग करके संपत्ति खरीदी हैं, उन्हीं संपत्तियों पर छापेमारी की गई है. यह संपत्ति आदि किसकी है इस बात को विजिलेंस ने अभी गुप्त रखा है. सूत्रों के अनुसार सारी संपत्तियां हरक सिंह रावत की बताई जा रही हैं. विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों के अवैध कटान को लेकर एक मुकदमा दर्ज किया गया था जिसके अंतर्गत एक डीएफओ को भी जेल भेजा गया था. उसी क्रम में जांच के दौरान यह सामने आया है कि सरकारी पैसे का दुरुपयोग करके कई संपत्तियां खरीदी गई हैं जिसकी जांच विजिलेंस कर रही है.