नई दिल्ली: संसद परिसर में जगह-जगह लगी मूर्तियों को हटाकर एक जगह स्थानांतरित करने के सरकार के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति पत्र लिखकर इसका विरोध जताया है। सरकार ने अपने इस फैसले में संसद परिसर में जगह-जगह लगी मूर्तियों को परिसर में ही एक नए स्थान ‘प्रेरणा स्थल’ पर लगाने का फैसला किया था। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दो दिन पहले प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया था।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पत्र को एक्स पर साझा किया। खड़गे ने लिखा कि कई महान नेताओं की मूर्तियों को उनके स्थान से हटा दिया गया है। जिनमें महात्मा गांधी और डॉ. भीमराव आम्बेडकर की मूर्तियां भी शामिल हैं। इन महान नेताओं की मूर्तियों को सामने से हटाकर एक कोने में लगा दिया गया है। यह काम बिना किसी से बातचीत किए किया गया है। खड़गे ने लिखा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि महात्मा गांधी और अम्बेडकर की इन मूर्तियों को जल्द से जल्द और पूरे मान सम्मान के साथ उनके पुराने स्थान पर वापस लगाया जाए। इन नेताओं की मूर्तियां जहां पर लगी हुई थी, वो स्थान लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
खड़गे ने कहा कि महात्मा गांधी की यह मूर्ति 2 अक्टूबर 1993 को पुराने संसद भवन के सामने लगाई गई थी, इस मूर्ति का भारतीय राजनीति और लोकतांत्रिक मूल्यों में बहुत महत्व है। दशकों से यह जगह सांसदों और विजिटर्स के लिए पुण्यमय बनी हुई है। संसद परिसर में आने वाले लोग इस जगह पर आकर महात्मा गांधी को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। खड़गे ने कहा कि यह वही स्थान हैं जहां पर सांसद आकर अपनी आवाज को बुलंद करते हैं।
खड़गे ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की यह मूर्ति 2 अप्रैल 1967 को लगाई गई थी, इस मूर्ति को भी स्थानांतरित करके प्रेरणास्थल पर लगा दिया गया है। खड़गे ने कहा कि हमारी मांग है कि जल्दी से जल्दी बाबा साहब की मूर्ति को उनकी सही जगह पर लगाया जाए।