नई दिल्ली : सिंधु दुर्ग में शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के बाद महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। विपक्षी दल महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं कर सकती। जब भी किसी मूर्ति का निर्माण किया जाता है, तो राज्य अधिकारियों से अनुमति लेना आवश्यक होता है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि जब कोई प्रधानमंत्री किसी प्रतिमा का उद्घाटन कर रहा हो तो उसे प्रमाणित करने की जरूरत होती है। लेकिन लोकसभा चुनाव की जल्दबाजी में मूर्ति का उद्घाटन कर दिया गया। पीएम ने अपराध किया है।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसके बाद विपक्षी दलों ने राज्य की शिंदे सरकार की आलोचना की और आरोप लगाया कि काम की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया था कि 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवा के कारण प्रतिमा ढह गई।
मामले में ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि उन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कृत्य, हत्या का प्रयास और धोखाधड़ी के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 (सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाली शरारत) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
वहीं महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि प्रतिमा का निर्माण नौसेना ने किया था। अब उसी स्थान पर राज्य सरकार मराठा योद्धा कर बड़ी प्रतिमा स्थापित कराएगी। मामले में नौसेना के प्रवक्ता ने कहा था कि भारतीय नौसेना सिंधुदुर्ग के नागरिकों को समर्पित छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को हुए नुकसान पर गहरी चिंता के साथ ध्यान दे रही है। इसमें कहा गया है, राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारणों की तुरंत जांच करने और प्रतिमा की मरम्मत, पुनर्स्थापना और उसे जल्द से जल्द स्थापित करने के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम को तैनात किया है।
आदित्य ठाकरे और नारायण राणे के समर्थकों में हुई भिड़ंत
इस मुद्दे को लेकर बुधवार को शिवसेना यूबीटी के नेता आदित्य ठाकरे और भाजपा नेता नारायण राणे के समर्थक भिड़ गए। दरअसल दोनों नेताओं के समर्थक सिंधुदुर्ग में उस जगह पहुंचे थे, जहां शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गई थी। वहीं पर दोनों पार्टियों के समर्थक भिड़ गए और दोनों तरफ से जमकर धक्का मुक्की हुई। इससे तनाव फैल गया और पुलिसकर्मियों ने बड़ी मुश्किल से हालात को नियंत्रित किया।