नई दिल्ली: सनातन धर्म में लोगों की बढ़ती आस्था का मुख्य कारण इसकी प्राचीन परंपराओं, गहन आध्यात्मिक ज्ञान, और समावेशी दृष्टिकोण में निहित है। यह धर्म न केवल धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं पर आधारित है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू—धार्मिक, सामाजिक, और व्यक्तिगत—के लिए एक मार्गदर्शन प्रदान करता है।
बढ़ती आस्था के मुख्य कारण
1. आध्यात्मिकता और योग का प्रचार: योग, ध्यान, और आयुर्वेद जैसे प्राचीन भारतीय ज्ञान ने पूरी दुनिया में सनातन धर्म को प्रसिद्ध बनाया है। लोगों को इनसे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है।
2. विज्ञान और धर्म का संगम: सनातन धर्म के कई सिद्धांत, जैसे कर्म का सिद्धांत, ऊर्जा चक्र, और ब्रह्मांड का वर्णन, आधुनिक विज्ञान के साथ भी सामंजस्य रखते हैं।
3. परिवार और समाज में शांति: सनातन धर्म का मुख्य उद्देश्य है “सर्वे भवन्तु सुखिनः” (सभी सुखी हों)। यह परंपरा लोगों को अपने परिवार और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का बोध कराती है।
4. समावेशिता: सनातन धर्म सभी पंथों और विचारधाराओं का आदर करता है। इसका लचीलापन और व्यक्तिगत धर्म का सिद्धांत इसे हर वर्ग और उम्र के लोगों के लिए प्रासंगिक बनाता है।
5. आध्यात्मिक जागरूकता: आज की तनावपूर्ण जीवनशैली में लोग मानसिक शांति की तलाश में हैं, और सनातन धर्म की शिक्षाएं उन्हें आंतरिक शांति और आत्मज्ञान पाने में मदद करती हैं।
6. वैश्विक आकर्षण: विदेशों में भारतीय संस्कृति, योग, और वेदांत का बढ़ता प्रभाव भी सनातन धर्म में आस्था बढ़ाने का एक प्रमुख कारण है।
युवा पीढ़ी में आस्था
युवा पीढ़ी भी अब आधुनिक तकनीक के माध्यम से सनातन धर्म की गहराई को समझ रही है। वेदों, गीता, और उपनिषद जैसे ग्रंथों के ऑनलाइन पाठ्यक्रम और चर्चाएं, सोशल मीडिया पर धार्मिक विचारों का प्रचार, और साधु-संतों द्वारा प्रेरणादायक संदेश इस आस्था को और भी मजबूती दे रहे हैं।