नई दिल्ली: आरजेडी की ओर से आयोजित एक चुनावी सभा में (13 मई) को विधायक तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) के जरिए एक कार्यकर्ता को धक्का देने को लेकर जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बिहार के लोग ये मानते हैं कि ये लोग जात-पात, हिन्दू-मुसलिम, भ्रष्टाचार, और गुंडागर्दी से ऊपर उठकर राजनीति नहीं कर सकते.
प्रशांत किशोर ने साधा आरजेडी पर निशाना
प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में पिछले 30 बरस से लालू-नीतीश का राज है और सबसे ज्यादा विश्वास तोड़ने का काम भी उन्होंने ही किया है. 30 बरस से न गरीबी कम हुई न ही बिहार के लोगों का पलायन रूका है. शिक्षा व्यवस्था सुधरी नहीं रोजगार मिला नहीं तो आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं?”
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आप पैसे के नाम पर, जात के नाम पर, कुछ लोगों को इकट्ठा कर लेंगे. तेजस्वी को इस बार यह समझ लेना चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती. इस बार जनता उनकी बातों में आने वाली नहीं है.
बिहार के जिन लोगों ने लालू यादव और उनके बच्चों की सरकार को देखा है, वो मानते हैं कि ये लोग जात-पात, हिन्दू-मुसलिम, भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी से ऊपर उठ कर राजनीति नहीं कर सकते हैं. ये 4 बिंदु आरजेडी कैरेक्टर में है और इनसे ऊपर उठकर ये नहीं आ सकते.
आरजेडी की सभा में तेज प्रताप को आया था गुस्सा
दरअसल लोकसभा चुनाव को लेकर सोमवार (13 मई) को मीसा भारती के नामांकन के दिन आरजेडी की ओर से एक चुनावी सभा का आयोजन किया गया था. इसी दौरान मंच पर मौजदू मीसा भारती के भाई और विधायक तेज प्रताप को किसी बात पर गुस्सा आ गया और उन्होंने एक कार्यकर्ता को धक्का दे दिया. कुछ देर लिए वहां माहौल गरमा गया. मीसा भारती भी हैरान हों गईं. फिर पार्टी के नेता शक्ति यादव और अन्य लोगों ने मामले को शांत कराया.
इस मामले को लेकर अब कई पार्टियों के नेता इस पर जमकर निशाना साध रहे हैं. प्रशांत किशोर ने भी आरजेडी के शासन काल को याद करके तंज कसा और कहा कि ये लोग इसी तरह की राजनीति कर सकते हैं. इससे उपर उठकर ये कुछ नहीं कर सकते. जनता इन्हें पहचान चुकी है. उन्हेंने इशारों में ही तेजस्वी यादव को भी बता दिया कि इस बार उनको कामयाबी मिलने वाली नहीं है.