नई दिल्ली : बीमा सेक्टर में एक बड़ा बदलाव होने वाला है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म लेकर आ रहा है, जहां किसी भी तरह के बीमा से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा। इसके अलावा इस प्लेटफॉर्म का नाम-बीमा सुगम (Bima Sugam) है। IRDAI का दावा है कि बीमा सुगम बीमा सेक्टर के लिए एक “गेम चेंजर” है। आइए बीमा सुगम के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।
बीमा सुगम क्या है?
यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां ग्राहक अलग-अलग कंपनियों द्वारा दिए गए कई विकल्पों में से अपने लिए सही योजना को चुन सकते हैं। जीवन, स्वास्थ्य और सामान्य बीमा (मोटर और यात्रा) सहित सभी बीमा जरूरतों को इस प्लेटफॉर्म पर पूरा किया जाएगा। यह प्लेटफॉर्म किसी भी तरह के बीमा क्लेम को निपटाने में भी मदद करेगा। इसके लिए किसी डॉक्यूमेंट की नहीं बल्कि सिर्फ पॉलिसी नंबर की जरूरत होगी।
कितना है बजट?
बीमा सुगम का कुल बजट लगभग 85 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये कर दिया गया है। IRDAI ने प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिए एक पैनल भी नियुक्त किया है। वहीं, प्लेटफॉर्म के लिए एक सर्विस प्रोवाइडर नियुक्त करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी। प्रस्तावित प्लेटफॉर्म बीमा सुगम पॉलिसीहोल्डर के लिए अपने बीमा कवरेज के मैनेजमेंट के लिए सिंगल विंडो के रूप में काम करेगा। यह ग्राहकों की बीमा जरूरत यानी खरीद, सेवा और क्लेम के लिए सहज तरीके से समाधान देगा।
ग्राहकों को कैसे होगा फायदा?
इस प्लेटफॉर्म के आ जाने से बीमा पॉलिसियों पर कमीशन कम होने की उम्मीद है, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा। बीमा कंपनियों का कहना है कि पॉलिसी खरीदने की लागत कम हो जाएगी। वर्तमान में जीवन और गैर-जीवन क्षेत्रों में सैकड़ों बीमा योजनाएं हैं। दरअसल, ग्राहकों को पता नहीं है कि सबसे अच्छा और सस्ता पॉलिसी कौन दे रहा है और अलग-अलग बीमा योजनाओं के फायदे और नुकसान क्या हैं। हालांकि, बीमा सुगम अब ग्राहकों को एक ही मंच पर सही योजना की पहचान करने में सक्षम बनाएगा। अभी सही योजना का चयन करने के लिए ग्राहकों को एजेंट से बात करने और अलग-अलग बीमा कंपनियों की वेबसाइटों पर जाने में समय बिताना पड़ता है।
कैसे होगा काम?
ग्राहक एक बीमा अकाउंट खोलेंगे और सभी पॉलिसियां इसी में जुड़ी रहेंगी। इससे फिजिकल डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा, पॉलिसी खरीदने में शामिल कागजी कार्रवाई भी कम हो जाएगी। क्लेम का निपटान और पॉलिसियों को रिन्यू भी तेजी से किया जा सकेगा। आसान भाषा में समझें तो सही पॉलिसी की पहचान करना, उसे खरीदना, दावों का निपटान और रिन्यू को ऑनलाइन प्रक्रिया में सुव्यवस्थित किया जाएगा।