नई दिल्ली। महाराष्ट्र में शिवेसना के उद्धव ठाकरे गुट को झटके पर झटका लग रहा है। पहले पार्टी से विधायक और सांसद अलग हुए। अब पार्टी पर कब्जे की तैयारी चल रही है। एकनाथ शिंदे धड़े ने चुनाव आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर पार्टी का धनुष-बाण चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग की है। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है। चुनाव आयोग को भेजे एक पत्र में शिंदे गुट ने असली शिवसेना होने का दावा किया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला दिया है।
महाराष्ट्र विधानसभा और लोकसभा में मिली मान्यता
महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की, जिन्होंने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को लोकसभा में राहुल शेवाले को पार्टी के फ्लोर लीडर और भावना गवली को मुख्य सचेतक बनाने की घोषणा की। लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल शेवाले को संसद के लोकसभा में शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता प्रदान की। पिछले महीने शिवसेना विधायक दल में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मंगलवार को एक नया झटका लगा था, जब उनके 19 लोकसभा सदस्यों में से 12 ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया था।
महाराष्ट्र में जल्द होने हैं स्थानीय निकायों के चुनाव
चुनाव चिन्ह पर दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय निकायों के चुनावों को दो सप्ताह के भीतर अधिसूचित करने का निर्देश दिया है। महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कई नगर निकायों में चुनाव होने हैं, जो यह संकेत देगा कि शिवसेना के किस गुट को लोकप्रिय समर्थन हासिल है। इससे पहले शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध कहा था कि पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावों के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके विचार सुनें।