नई दिल्ली। क्वीन एलिजाबेथ के लंबे शासन और उनके निधन के बाद 6 मई को 74 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी किंग यानि राजा के तौर पर हुई। इसी के साथ ब्रिटिश राजशाही के शीर्ष पद पर कााबिज हुए ब्रिटेन के राजा संवैधानिक से लेकर कामनवेल्थ राजशाही स्वीकार करने वाले देशों के प्रमुख भी बन गए है।
ये हैं वो 15 देश
ताजपोशी के साथ चार्ल्स ब्रिटेन के अलावा पापुआ न्यू गिनी, सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विसेंट, ग्रेनेडा, सोलोमन, तुवालु, एंटीगा एंड बारबडा, बहामास, बेलीज, ग्रेनाडा, जमैका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के भी राष्ट्र प्रमुख बन गए है। हालांकि, कनाडा, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में समय-समय पर राजशाही को सुप्रीम नहीं मानने को लेकर विरोध होता रहा हैं।
1937 के बाद एक ब्रिटिश राजा का हुआ राज्याभिषेक
जानकारी के लिए बता दें कि 1937 के बाद एक ब्रिटिश राजा का पहला राज्याभिषेक हुआ है। पिछले साल सितंबर में उनकी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद, उन्हें ब्रिटेन का नया सम्राट घोषित किया गया था। यह राज्याभिषेक उनके सम्राट बनने की धार्मिक पुष्टि है। एलिजाबेथ द्वितीय का 1953 में राज्याभिषेक किया गया था।
किंग चार्ल्स ने ली ये शपथ
किंग चार्ल्स ने देश के कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को बना रखने की शपथ ली। बता दें कि उनका यरूशलेम के पवित्र क्रिस्म तेल से अभिषेक किया गया था। इसके बाद कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा उन्हें क्राउन ज्वेल्स पहनाया गया। जो इंग्लैंड के सम्राट की शक्ति का प्रतीक हैं।
कई चरणों में होती है ताजपोशी की प्रक्रिया
आपको बता दें कि ताजपोशी की प्रक्रिया कई चरणों में की जाती है। सबसे पहले ताजपोशी में इस्तेमाल होने वाली 700 साल पुरानी कुर्सी के बगल में राजा खड़े होते हैं। फिर आर्कबिशप उन्हें वेस्टमिंस्टर एबे में मौजूद लोगों के सामने ले जाते हैं, जहां भारी संख्या में मौजूद लोग तेज-तेज नारे लगाते है। इसके बाद तुरही बजती है और फिर राजा कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को कायम रखने की शपथ लेते हैं।
इसके बाद राजा को राजतिलक वाली कुर्सी पर बिठाया जाता है। बता दें कि कुर्सी पर सुनहरे कपड़ो का घेरा भी बना होता है, जिससे सम्राट लोगों को दिखाई न दे सकें। फिर कैंटरबरी के आर्कबिशप राजा के हाथों, सीने और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करते हैं। इसके बाद राजा को ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बिठाया जाता है।