पटना l लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद और बिहार एलजेपी (पारस) गुट के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज सेक्स स्कैंडल में फंस गए हैं. प्रिंस राज एलजेपी के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के छोटे भाई दिवंगत रामचंद्र पासवान के बेटे हैं. एलजेपी (चिराग) गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के चचेरे भाई भी हैं. इसके साथ ही मोदी मंत्रिमंडल में हाल ही में शामिल पशुपति कुमार पारस के भतीजे भी हैं. जाहिर है यह सेक्स स्कैंडल एक प्रतिष्ठित कहे जाने वाले सियासी बिरादरी से आने वाले परिवार के एक सदस्य पर रेप जैसे संगीन अपराध के आरोपी होने का दाग लगा है. सबसे खास बात यह कि चिराग पासवान पर अपने भाई को बचाने का आरोप दर्ज करते हुए एफआईआर में उनका भी नाम आया है. ऐसे में सवाल यही है कि चिराग और प्रिंस राज के साथ ही पासवान परिवार का राजनीतिक भविष्य किस ओर करवट लेता दिखाई दे रहा है?
एक ओर जहां दिवंगत राम विलास पासवान का परिवार परिवारिक और सियासी, दोनों ही स्तरों पर टूट चुका है, उस पर इस तरह की बदनामी का दाग पासवान परिवार की सियासत के लिहाज से ठीक नहीं माना जा रहा है. सियासी जानकार बताते हैं कि सियासत में इमेज परसेप्शन का बड़ा महत्व है. अगर आप बाहुबली हैं तो उस रूप में भी आप लोकप्रिय हो सकते हैं, लेकिन सामने सही और छिप छिपाकर कुकर्म करने वालों को जनता नहीं बख्शती. ऐसे में सवाल यह है कि प्रिंस राज के साथ ही चिराग पासवान पर इसका क्या असर हो सकता है?
एनडीए में वापसी को लेकर उठे सवाल
हाल में चिराग पासवान को लेकर भाजपा के नेताओं ने एनडीए में वापस लेने की बात कई बार कही है. मुजफ्फरपुर से सांसद अजय निषाद ने तो मुखर रूप से कहा भी है कि अगर वह एनडीए में आते हैं तो सीएम नीतीश कुमार को इस पर आपत्ति नहीं करनी चाहिए. वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष व पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने भी कहा है कि चिराग पासवान अगर एनडीए में आते हैं तो उनको कोई दिक्कत नहीं है. पर सवाल यह है कि प्रिंस राज सेक्स स्कैंडल सामने आने के बाद क्या चिराग पासवान को एनडीए सहजता से अपना पाएगा जैसी पहले उम्मीद थी?
चिराग पासवान की छवि को लगा गहरा धक्का
सियासत के जानकार यह भी कहते हैं कि इस केस में चिराग पासवान का भी नाम एफआईआर में आया है. यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने प्रिंस राज को बचाने की कोशिश भी की थी. हालांकि उनका दावा है कि युवती उनके भाई को ब्लेकमेल कर रही थी और हनी ट्रैप में फंसा लिया था. ऐसे में कोर्ट से जो भी फैसला होगा वह उन्हें मंजूर होगा. जाहिर है एक राजनेता का यही रिएक्शन होगा कि कोर्ट जो कहेगा उसे मानेंगे. लेकिन सवाल सुचिता का है? आखिर प्रिंस राज ने यह बात भी तो स्वीकार किया है कि उसने उस लड़की के साथ सेक्स किया था. जाहिर है एक सांसद के लिए यह बेहद अशोभनीय है. ऐसे में चिराग पासवान की छवि को भी गहरा धक्का लगा है.
परसेप्शन की सियासत में पिछड़े चिराग!
हाल में जब चिराग पासवान ने आशीर्वाद यात्रा निकाली थी तब उन्हें व्यापक जन समर्थन मिलता दिख रहा था. पिता राम विलास पासवान की पुण्यतिथि मनाने में बीते 12 सितंबर को जितनी ऊर्जा उन्होंने खर्च की और इसका जितना पॉलिटिकल बेनिफिट उन्हें मिलने वाला था, वह एक झटके में ही खोता हुआ नजर आ रहा है. सियासत के जानकार बताते हैं कि नेताओं का सेक्स स्कैंडल में फंसना कोई नहीं बात नहीं है, लेकिन उसके बाद उनका करियर पूरी तरह समाप्त ही हो जाता है. पार्टी को अपनी इमेज की चिंता रहती है तो ऐसे नेताओं से दरकिनार करने लगती है. हालांकि यहां चिराग पासवान को यह फायदा है कि पार्टी उन्हें दरकिनार नहीं कर पाएगी, लेकिन पब्लिक परसेप्शन का क्या?
चिराग-तेजस्वी को उम्मीद से देख रहे बिहार के लोग
वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार कहते हैं कि दरअसल युवा तेजस्वी यादव और युवा चिराग पासवान की ओर बिहार नजरें टिकाए हुए है कि कब ये लोग बिहार को नयी दिशा देने प्रदेश की बागडोर संभालेंगे. लेकिन, जब चिराग पासवान का नाम सेक्स स्कैंडल में फंसे भाई को बचाने के लिए एफआईआर में आता है. जब तेजस्वी यादव जैसे नेता बर्थडे मनाते हुए किसी चार्टर्ड प्लेन में दिखते हैं, तो पब्लिक थोड़ी निराश जरूर होती है. उम्मीद बिहार की गरीब जनता जिनसे उम्मीद लगाए बैठी है, वह उनके भरोसे पर आने वाले समय में खरे उतरेंगे. चिराग पासवान और तेजस्वी यादव के साथ तो उनकी पिता की भरी-पूरी सियासी विरासत है, ऐसे में अपनी एक गलती भर से जनता की नजरों में गिरने का कोई काम नहीं करेंगे, ऐसी उम्मीद बिहार की जनता रखती है.
खबर इनपुट एजेंसी से