बेंगलुरु: कर्नाटक में सीईटी परीक्षा के दौरान छात्रों से जनेऊ और रक्षासूत्र (कलावा) उतरवाने के मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज के प्रबंधन ने प्रिंसिपल चंद्रशेखर बिरादर और द्वितीय श्रेणी क्लर्क सतीश पवार को कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (केसीईटी) की अभ्यर्थी सुचिव्रता कुलकर्णी को जनेऊ पहनने के कारण गुरुवार को परीक्षा देने की अनुमति देने से कथित तौर पर इनकार करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया। बीदर की उपायुक्त शिल्पा शर्मा की रिपोर्ट के बाद कर्नाटका परीक्षा प्राधिकरण (केईए) और कर्नाटका उच्च शिक्षा विभाग ने दोनों को बर्खास्त करने का निर्देश दिया।
प्रिंसिपल और क्लर्क को केईए प्रोटोकॉल का पालन न करने के लिए लापरवाह पाया गया, जिसके तहत केसीईटी परीक्षा के दौरान गैर-धातु वाले जनेऊ और कलावा पहनने की अनुमति थी। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि पीयू कॉलेज स्टाफ ने छात्र पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
हालांकि, छात्र ने 16 अप्रैल को उसी परीक्षा केंद्र पर जनेऊ पहनकर फिजिक्स और केमिस्ट्री की परीक्षा दी, जिससे ‘नियमों के पालन’ में असंगतता उजागर हुई। डिप्टी कमिश्नर की रिपोर्ट में दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और छात्रों के लिए सुधारात्मक उपाय की सिफारिश की गई।
हालांकि, सरकार ने अभी तक छात्र को दूसरा मौका देने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। एक शिक्षा अधिकारी ने कहा, “गणित की परीक्षा में अनुपस्थित रहने के बावजूद छात्र को इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए रैंकिंग मिलेगी, इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम.सी. सुधाकर से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, मंत्री दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लेने से पहले इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे, ताकि सभी के लिए निष्पक्षता और छात्र को न्याय मिल सके।”
इस बीच, शिवमोगा में हुई इस तरह की घटना के लिए जिम्मेदार होमगार्ड रघु डी और कलावती को जनेऊ विवाद के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। DC गुरुदत्त हेगड़े ने केईए को सौंपी गई अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि ” यह पाया गया कि होमगार्डों ने 16 अप्रैल को सुबह की परीक्षा में शामिल होने वाले एक छात्र को जनेऊ उतारने का निर्देश दिया था। छात्र ने स्वेच्छा से धागा हटा दिया और परीक्षा देने चला गया। हालांकि, रिपोर्ट में इस दावे का खंडन किया गया है कि होमगार्ड ने जबरन जनेऊ उतार दिया और छात्रा को प्रवेश से रोका गया।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बाद में दो अन्य छात्र कलावा पहनकर परीक्षा हॉल में पहुंचे। उस समय, श्री आदिचुंचनगिरी कम्पोजिट इंग्लिश मीडियम हाई स्कूल के प्रिंसिपल ने प्री-यूनिवर्सिटी के उप निदेशक से फोन पर स्पष्टीकरण मांगा और स्पष्टीकरण मिलने पर छात्रों को धागा हटाए बिना परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 16 अप्रैल को दोपहर का सत्र (रसायन विज्ञान) तथा 17 अप्रैल को आयोजित परीक्षा बिना किसी व्यवधान के उसी परीक्षा केंद्र पर सम्पन्न हुई।
इस बीच, शिवमोगा पुलिस ने सीईटी अभ्यर्थी नटराज भगवत की शिकायत के आधार पर इस मामले में अज्ञात सीईटी अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने छात्रों के जनेऊ ओकाट दिए। अधिकारियों ने कथित तौर पर छात्रों को धमकी दी कि यदि उन्होंने जनेऊ पहना तो उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने छात्रों के हाथों में पहने गए पवित्र धागे काट दिए और उन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया।