बिलासपुर: छत्तीगढ़ के बिलासपुर के शासकीय स्कूल में हेड मास्टर का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में स्कूल के हेडमास्टर ही बच्चों को शपथ दिलाते नजर आ रहे हैं. स्कूल प्रिंसिपल बच्चों को बरगलाते हुए कह रहे हैं कि वह बौद्ध धर्म को मानते हैं. उन्होंने अपने स्कूल के स्टूडेंट्स से कहा कि वे त्रिदेव और राम-कृष्ण को नहीं मानते हैं. उन्होंने बच्चों को भी उनको नहीं मानने और बौद्ध धर्म अपनाने की शपथ दिलाई. इसका वीडियो वायरल होने के बाद हेड मास्टर को निलंबित कर दिया गया है. छत्तीसगढ़ में मतांतरण एक अहम मु्द्दा रहा है जिसे चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने बहुत प्रमुखता से उठाया था. सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है.
दरअसल, सारा मामला बिल्हा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक का है. बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को जब पूरे देश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साह था. ऐसे समय में स्कूल के प्रिंसिपल ने सारे बच्चों को जमा किया और शपथ दिलाई कि राम-कृष्ण समेत सारे हिंदू देवी-देवता काल्पनिक हैं. उन्होंने बच्चों से हिंदू धर्म नहीं मानने की भी शपथ दिलाई. इसके अलावा, हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कुछ विवादित टिप्पणी भी की जिस पर वहां मौजूद छात्रों ने ही आपत्ति जताई.
आरोपी प्रिंसिपल पर हुई कार्रवाई, किया गया सस्पेंड
आरोपी प्रिंसिपल का नाम रतनलाल बताया जा रहा है. शिक्षा विभाग के पास जब वीडियो पहुंचा तो तत्काल कार्रवाई की गई. इसके साथ ही प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. शिक्षा विभाग ने कहा कि धर्मांतरण कराने की शिकायत मिली है. तत्काल कार्रवाई करते हुए हमने आरोपी शिक्षक को सस्पेंड कर दिया है. बाकी आगे की जांच जारी है और जो भी जरूरी होगी एक्शन लिया जाएगा.
ग्रामीणों के अंदर शिक्षक को लेकर भारी आक्रोश
ग्रामीणों के अंदर वीडियो सामने आने के बाद काफी आक्रोश है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी कई बार इस शिक्षक की शिकायत बच्चों ने की थी. क्लास में भी वह हिंदी देवी-देवताओं के खिलाफ बयानबाजी करते थे. इस बार खास तौर पर 22 जनवरी के दिन छात्रों को शपथ दिलाई गई. जिस दिन पूरे देश में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी उस दिन शिक्षक ने ऐसा काम किया.