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निजी अस्पताल मरीजों को सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना देने से इंकार नहीं कर सकते

Frontier Desk by Frontier Desk
23/04/25
in देहरादून
निजी अस्पताल मरीजों को सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना देने से इंकार नहीं कर सकते
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देहरादून। निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना देने से इंकार नहीं किया जा सकता। Clinical Establishments Act के तहत पंजीकृत एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की योजना (गोल्डन कार्ड एवं आयुष्मान) के अंतर्गत उपचार करने वाले समस्त निजी अस्पतालों को सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सूचना देनी होगी।

निजी अस्पतालों पर सूचना अधिकार अधिनियम प्रभावी होगा। सभी जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण निजी अस्पतालों से सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वांछित सूचना प्राप्त करना सुनिश्चित करेंगे। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने यह निर्णय वैलमेड अस्पताल से एक मरीज द्वारा उपचार के संबंध में सूचना दिये जाने से इंकार किये जाने पर दिया। आयोग द्वारा राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के लोक सूचना अधिकारी को निजी अस्पतालों की सूचना प्रदान नहीं किये जाने पर नोटिस जारी किया गया है।

प्रत्येक निजी अस्पताल को क्लिनिकल प्रतिष्ठान नियमके अंतर्गत पंजीयन कराना अनिवार्य है। सुनवाई में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से उपस्थित डा. वंदना सेमवाल ने अवगत कराया कि क्लिनिकल प्रतिष्ठान नियम के अनुसार पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा उपचारित किये गये मरीजों का चिकित्सा अभिलेख एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संदर्भ में स्वास्थ्य सांख्यिकी सूचना जिला प्राधिकरण को भेजे जाने का प्राविधान है तथा अधिनियम में निजी अस्पतालों द्वारा चिकित्सा अभिलेखों का अनुरक्षण किये जाने का स्पष्ट प्राविधान है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से उपस्थित लोक सूचना अधिकारी द्वारा पृच्छा किये जाने पर अवगत कराया गया कि यदि निजी अस्पताल सरकार की गोल्डन कार्ड अथवा आयुष्मान योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार करना चाहते है तो निजी अस्पतालों को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की शर्तों/नियम के अधीन राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकरण कराने की अनिवार्यता है।

पंजीकृत निजी अस्पतालों द्वारा इस योजना के अंतर्गत मरीजों का उपचार किये जाने पर भुगतान राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा किया जाता है। प्रस्तुत अपील में पक्षकार वैलमेड अस्पताल गोल्डन कार्ड एवं आयुष्मान योजना के अंतर्गत उपचार हेतु पंजीकृत है। चर्चा के उपरांत राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने स्पष्ट किया कि निजी अस्पतालों द्वारा सूचना अधिकार के अंतर्गत मरीज को सूचना दिये जाने से इंकार नहीं किया जा सकता।

प्रत्येक निजी अस्पताल मरीज के उपचार का संपूर्ण विवरण पूरी पारदर्शिता के साथ मरीज को उपलब्ध कराया जाना चाहिए। Clinical Establishments Act का उददेश्य अस्पतालों में मरीजों को पारदर्शी जिम्मेदारी पूर्वक उपचार दिलाना है तथा प्रदेश में समस्त निजी अस्पतालों का संचालन के अंतर्गत किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग का निजी अस्पतालों पर नियंत्रण है उस सीमा तक सूचना अधिकार के अंतर्गत सूचना दिये जाने से निजी अस्पतालों द्वारा इंकार नहीं किया जा सकता। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि यदि किसी मरीज का उपचार गोल्डन कार्ड अथवा आयुष्मान योजना के अंतर्गत हुआ है तो राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण संबंधित निजी अस्पताल के संबंध में सूचना उपलब्ध कराने से यह कहते हुए मना नहीं कर सकता है कि निजी अस्पताल सूचना अधिकार के अंतर्गत नहीं आते हैं।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की निजी अस्पतालों से संबंधित जिस सूचना तक पहुंच है वह सूचना अधिकार अधिनियम के प्राविधानों के अंतर्गत प्राधिकरण द्वारा दी जायेगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अस्पतालों को योजना के अंतर्गत पंजीकृत करते हुए अस्पतालों को यह स्पष्ट किया जाये कि सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगे जाने वाली सूचना अधिनियम के प्राविधानों के अनुसार देनी होगी।

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