देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के बाद शासन ने सूचनाओं के सार्वजनिक होने को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। यूसीसी के तहत सेवाओं के पंजीकरण के समय दी जाने वाली जानकारी तक किसी तीसरे व्यक्ति की पहुंच नहीं होगी। यूसीसी की तहत होने वाले रजिस्ट्रेशन की सिर्फ संख्या सार्वजनिक होगी, इसमें व्यक्तिगत जानकारी शामिल नहीं होगी।
अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती ने बुधवार को बताया कि यूसीसी में गोपनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। यूसीसी की किसी भी सेवा के लिए दी गई निजी जानकारी (नाम, पता, मोबाइल,आधार,धर्म,जाति आदि) का विवरण किसी स्तर पर सार्वजनिक नहीं होगा। सिर्फ आवेदक या किसी अन्य शख्स के साथ संयुक्त आवेदन करने वाला व्यक्ति ही अपने आवेदन संबंधी जानकारी मांग सकता है।
कुकरेती के मुताबिक, यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण की जानकारी भी थाना पुलिस तक सिर्फ रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी। ऐसे किसी पंजीकरण में दिए विवरण तक संबंधित थाना प्रभारी की पहुंच भी एसएसपी की निगरानी में हो सकेगी। साथ ही यदि किसी भी स्तर पर सूचनाओं का दुरुपयोग होता है तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।