प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री की आलोचना थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक लंदन के सांसद ने हाल ही में पीएम मोदी को ‘ग्रह का सबसे ताकतवर इंसान’ बताया था. अब ब्रिटेन में एक ऑनलाइन पेटीशन सामने आया है, जिसमें बीबीसी के खिलाफ एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. पेटीशन में कहा गया है कि ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) अपनी एडिटोरियल इम्पार्शियलिटी यानी संपादकीय निष्पक्षता के हायेस्ट स्टैंडर्ड को पूरा कर पाने में विफल रहा है.
‘चेंज.ओआरजी’ द्वारा शुरू किए गए पेटीशन पर खबर लिखे जाने तक 2500 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं. रविवार रात को इस पेटीशन की शुरुआत की गई है, जिसमें बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘India: The Modi Question’ को लेकर ‘कड़ी निंदा’ की गई है. इस सीरीज को दो पार्ट में जारी किया जाना था, जिसका पहला एपिसोड 17 जनवरी को जारी किया गया. सीरीज के पहले एपिसोड को यूट्यूब पर भी जारी किया गया था, लेकिन तुरंत बाद इसे प्राइवेट करा दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बीबीसी सीरीज का दूसरा पार्ट 24 जनवरी, यानी मंगलवार को जारी किया जाना है. इस सीरीज को बीबीसी के iPlayer पर देखा जा सकता है, जो सिर्फ ब्रिटेन में ही एक्सेसबल है. इस सीरीज में कथित रूप से गुजरात दंगों के संबंध में ब्रिटेन के आधिकारिक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है. पहले एपिसोड में 2002 के दरमियान ब्रिटेन के विदेश मंत्री रहे जैक स्ट्रॉ का इंटरव्यू भी है, जिन्होंने जांच-पड़ताल के लिए एक डिप्लोमेटिक टीम गुजरात भेजी थी.
बीबीसी को जवाबदेह बनाए जाने की मांग
ब्रिटेन में मीडिया पर निगरानी रखने वाली संस्था द ऑफिस ऑफ कम्युनिकेशंस (ओएफसीओएम) से बीबीसी को जवाबदेह बनाए जाने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा गया है कि सामग्री मानकों को सुरक्षित करने में कई बार नाकामी हुई है और प्रसारक के साथ जरूरी सुधार और स्पष्टीकरण को लेकर आवश्यक चर्चा करने का आग्रह किया जाता है. याचिका के आयोजकों का दावा है कि डॉक्यूमेंट्रीएजेंडा संचालित रिपोर्टिंग और संस्थागत पूर्वाग्रह का उदाहरण है जो विश्व स्तर पर इस सम्मानित संगठन की अब विशेषता है.