देहरादून। लोगों की जीवन शैली में आए जरूरत से ज्यादा बदलाव के कारण किसी ना किसी रूप में तनाव का शिकार बनता जा रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए स्वयं के गुजरे अनुभव वह सुनहरे पल बहुत कारगर साबित होते हैं| यह बात वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉक्टर राहुल मिश्रा (Psychologist Dr Rahul Mishra) ने बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि यह काफी लंबे समय से लोगों में बढ़ रहे तनाव की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से किसी भी तनाव से ग्रस्त व्यक्ति को तनाव मुक्त करने के लिए उसके गुजरे कल व बर्ताव को बेहतर समझना बहुत जरूरी होता है। उन्होंने बताया कि इस उपचार को बिना किसी दवाइयों की सहायता के सिर्फ रोगी के गुजरी जीवन पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर पीड़ित को तनाव मुक्त किया जाता है।
उन्होंने बताया कि आज के दौर में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में तनाव का शिकार बनता जा रहा है और समस्या को सुलझाने के लिए उक्त व्यक्ति की मानसिकता को समझना बहुत जरूरी होता है। मानव समस्याओं का विस्तार पूर्वक विश्लेषण करके रोगियों को तनाव मुक्त करने का प्रयास अपने उपचार के दौरान करते हैं।
उन्होंने बताया कि उनके द्वारा चलाए जा रहे मनोवैज्ञानिक सत्रों की सहायता से वह तनाव से पीड़ित व्यक्ति का उपचार करते हैं जिसके दौरान वह पीड़ित के गुजरे कल,उनकी समस्याओं को सुनकर,व चर्चा कर,सवाल जवाब कर और पीड़ित के अच्छे व बुरे वक्त पर विस्तार पूर्वक बात करते हैं। डॉ राहुल ने यह भी बताया कि इस तनाव से जुड़ी मनोवैज्ञानिक अवधारणाओं पर वह विगत 15 वर्षों से कार्य कर रहे हैं जिसके तहत वह विभिन्न सरकारी, गैर सरकारी व निजी संस्थानों आदि में करियर काउंसलिंग सेमिनार आदि का आयोजन कर पीड़ितों के जीवन को तनाव मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं|