नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की ओर से पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं सुधरने पर नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) की आठ परियोजनाओं को रद्द करने की चेतावनी देने के बाद पंजाब सरकार हरकत में आई है। इस मामले में पंजाब के आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि यह मामला मुख्यमंत्री की निगरानी में है। हमने इस पर एसआईटी गठित की है और एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है। ऐसी दो घटनाएं हुई हैं और अगर एनएचएआई को जरूरत पड़ी तो हम सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
पंजाब पुलिस कानून-व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है और कई राष्ट्रव्यापी सर्वे हुए हैं, जिनमें पंजाब की कानून-व्यवस्था को अन्य राज्यों के मुकाबले कहीं बेहतर करार दिया गया है। सूत्रों से पता चला है कि नितिन गडकरी की चेतावनी के बाद अचानक हरकत बढ़ी है। सूत्रों का कहना है कि अगले हफ्ते हर प्रोजेक्ट को लेकर मीटिंग होगी, जिसके बाद एक बैठक मुख्यमंत्री स्तर पर भी होगी।
‘राज्य के विकास से समझौता कर रही पंजाब सरकार’
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को इस बात पर हैरानी व्यक्त की है कि पंजाब सरकार ने दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रैस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में जानबूझकर उपेक्षा करके और एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने से इनकार कर पंजाब के विकास से समझौता किया है। इसके कारण 3,263 करोड़ रुपए की 104 किलोमीटर की लंबाई वाली एन.एच.ए.आई. की 3 परियोजनाओं को समाप्त कर दिया गया, जबकि 293 किलोमीटर लंबी और 14,288 करोड़ रुपए की लागत वाली 8 अन्य परियोजनाओं पर रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है। अकाली दल अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किस तरह सरकार द्वारा शासन और कानून व्यवस्था की स्थिति को इस हद तक बिगड़ने दिया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की परियोजना को फिर से प्राप्त करने के लिए हस्तक्षेप करने के लिए कहने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
‘परियोजनाओं को रद्द या बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा’
मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर हाल में हुई दो घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई है। जालंधर जिले में एक घटना में ठेकेदार के इंजीनियर पर बेरहमी से हमला किया गया। हालांकि, इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। केंद्रीय मंत्री ने लुधियाना जिले में एक और घटना का जिक्र किया, जहां दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे के ठेकेदार के परियोजना कैंप पर उपद्रवियों ने हमला किया और इंजीनियरों को धमकी दी। इस घटना में एनएचएआई अधिकारियों के लिखित अनुरोध के बावजूद अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है और उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है। गडकरी ने कहा कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो एनएचएआई के पास 14,288 करोड़ रुपये की लागत और 293 किलोमीटर की कुल लंबाई वाली आठ अन्य गंभीर रूप से प्रभावित परियोजनाओं को रद्द या बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। इतना ही नहीं, भूमि अधिग्रहण से संबंधित लंबित मुद्दों और मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण कई ठेकेदारों ने अनुबंधों को बंद करने का अनुरोध किया है और एनएचएआई के खिलाफ दावे किए हैं।