कीव : रूस और यूक्रेन का युद्ध किसी अंजाम पर नहीं पहुंचा है। लेकिन इसी बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ परमाणु बम के इस्तेमाल की धमकी दे डाली है। पश्चिमी देशों में इसे लेकर चिंता जताई जा रही है। वहीं ये सवाल भी पूछा जा रहा है कि अगर रूस ने ऐसा कुछ किया तो प्रतिक्रिया कैसे करनी होगी। बुधवार को एक संबोधन में रूस के राष्ट्रपति ने रूसी क्षेत्र पर खतरे की स्थिति में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की चेतावनी दे डाली।
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, ‘जो लोग हमें परमाणु हथियारों को लेकर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि हवा उनकी दिशा में भी बह सकती है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘ये एक ब्लफ (दिखावे वाली बात) नहीं है।’ विश्लेषकों को इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि 1945 में अमेरिका द्वारा जापान पर दो परमाणु बम गिराए जाने के बाद पुतिन परमाणु हथियार इस्तेमाल करने वाले पहले व्यक्ति बनने को तैयार हैं।
कैसा होगा रूस का परमाणु हमला
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर रूस परमाणु बम इस्तेमाल करेगा तो वह टैक्टिकल या युद्ध क्षेत्र परमाणु बम इस्तेमाल करेगा। ये न्यूक्लियर बम हल्के होते हैं जिनके विध्वंस की ताकत 0.3 किलोटन से लेकर 100 किलोटन तक होती है। इन बमों को युद्ध के मैदान में सीमित प्रभाव डालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो सभी युद्धों को लड़ने और जीतने के लिए डिजाइन किए गए हैं। विशेषज्ञ ये भी कहते हैं कि परमाणु बम तो परमाणु बम होता है। उसमें छोटा और लिमिटेड जैसा कुछ नहीं होता। 1945 में हिरोशिमा पर गिराया गया बम सिर्फ 15 किलोटम था, लेकिन उससे हुआ विनाश बहुत बड़ा था।
क्या हो सकता है रूस का टार्गेट
विश्लेषक मानते हैं कि टैक्टिकल परमाणु बम का इस्तेमाल कर रूस का लक्ष्य यूक्रेन से आत्मसमर्पण कराना और पश्चिम के यूक्रेन समर्थकों को डराना है। वॉशिंगटन में सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के सैन्य विशेषज्ञ मार्क कैनशियन का मानना है कि रूस युद्ध में परमाणु हथियार नहीं चलाएगा। उन्होंने कहा कि 32 किमी क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए कई टैक्टिकल परमाणु बम की जरूरत हो सकती है। छोटे लाभ के लिए ये एक बड़ा जोखिम होगा।
परमाणु बम चलाना इतना भी आसान नहीं
व्हाइट हाउस के पूर्व परमाणु नीति विशेषज्ञ जॉन वोल्फस्टल का कहना है कि रूस एक मजबूत संदेश भेजने के लिए पानी के ऊपर परमाणु बम का विस्फोट कर सकता है, इससे लोगों की जान भी नहीं जाएगी। इसके साथ ही यूक्रेन के ऊपर हवा में काफी ऊंचाई पर इस तरह का बम इस्तेमाल हो सकता है, जिससे पैदा होने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बर्बाद कर देगी। या फिर पुतिन एक बड़े शहर पर परमाणु बम गिराएं जिससे बड़े पैमाने पर लोग मरेंगे और यूक्रेन का राजनीतिक नेतृत्व खत्म हो जाएगा। लेकिन ये स्थिति पुतिन के लिए बिल्कुल भी अच्छी नहीं होगी। पूरी दुनिया एक साथ पुतिन के खिलाफ उतर जाएगी।
परमाणु बम चला तो क्या करेंगे पश्चिमी देश
पश्चिमी देश अभी भी ये बात तय नहीं कर पा रहे हैं कि सामरिक परमाणु हमले का जवाब कैसे दिया जाएगा। अमेरिका और नाटो परमाणु खतरे के सामने कमजोर नहीं दिखना चाहेंगे। लेकिन वे इस संभावना से बचेंगे क्योंकि यूक्रेन नाटो सदस्य नहीं है। रूस का टैक्टिकल परमाणु बम इस्तेमाल करना इस युद्ध को एक बड़े युद्ध में बदल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम के पास रूसी परमाणु हमले का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। इसमें अकेले अमेरिका की जगह सभी नाटो देशों को एक साथ आना होगा। अमेरिका के 100 से ज्यादा टैक्टिकल परमाणु हथियार नाटो देशों में मौजूद हैं, जो इस तरह के रूसी हमले का जवाब देने की क्षमता रखते हैं।