नई दिल्ली : यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) में अरबों डॉलर फंसा चुके अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) की टेंशन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने मास्को में बैठे बैठे बढ़ा दी है. लंबे समय से युद्ध में फंसे होने की वजह से भले ही रूस की ताकत कुछ कम दिख रही हो, लेकिन ऐसा लगता है कि पुतिन भी हर चुनौती से पार पाने के लिए एकदम तैयार बैठे हैं. दरअसल व्हाइट हाउस को रूस के बारे में कुछ ऐसा पता चला है जिससे व्हाइट हाउस सकते में आ गया है.
नॉर्थ कोरिया पर दबाव बढ़ा रहा रूस: अमेरिका
‘द वॉल स्ट्रीट जनरल’ में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु द्वारा पिछले सप्ताह प्योंगयांग दौरे के समय उत्तर कोरिया के अधिकारियों से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के लिए सैन्य सामग्री की बिक्री बढ़ाने के बारे में बातचीत किए जाने के बारे में पता चला है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी के अनुसार, शोइगु ने 1950-53 के दौरान हुए कोरियाई युद्ध के विराम की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के दौरान की गई अपनी यात्रा में यह प्रस्ताव रखा था. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस समारोह में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शोइगु को भेजा था.
बदल रहे जियोपॉलिटिकल समीकरण
बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि उत्तर कोरिया के साथ सहयोग मजबूत करने के लिए शोइगु की ओर से की गई कवायद से इस बात को बल मिलता है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए हथियार की जरूरतों को पूरा करने के वास्ते उत्तर कोरिया और ईरान पर निर्भर हो गया है. उत्तर कोरिया और ईरान अपने परमाणु कार्यक्रमों और मानवाधिकार संबंधी रिकॉर्ड के चलते अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अलग-थलग हैं.
हथियार के साथ अनाज
किर्बी ने ये भी कहा, ‘ऐसा फैसला पुतिन की हताशा का एक और उदाहरण है क्योंकि उनकी युद्ध सामग्री प्रतिबंधों और निर्यात नियंत्रणों के कारण प्रभावित हो रही है. इसीलिए वह अब उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों से हाथ मिला रहे हैं. निश्चित रूप से युद्ध सामग्री को बढ़ाने के लिए चीन से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है.’
गौरतलब है कि इसी साल मार्च के महीने में भी व्हाइट हाउस ने कहा था कि खुफिया विभाग ने जानकारी जुटाई है कि रूस उत्तर कोरिया के साथ, उससे हथियार हासिल करने के लिए उसे अनाज देने का समझौता कर रहा है.