गोरखपुर : मुख्यमंत्री के जीरो टालरेंस की नीति के विपरीत यूपी के कई जिलों में माफियाओं पर नरमी बरती जा रही है। प्रदेशस्तरीय चिन्हित 68 माफिया में तमाम की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। अवैध कमाई से बनाई गई इमारतें जमींदोज हो चुकी हैं मगर 17 ऐसे माफिया भी हैं जिन पर यूपी पुलिस मेहरबान है। इनमें 12 पर कार्रवाई का कोरम पूरा करते हुए उनकी ओर से आंखें मूंद लीं और 5 ऐसे हैं जिनपर रहम खाते हुए उन्हें बख्श दिया गया है।
जिन जिलों की पुलिस ने इन माफियाओं पर नरमी बरती है, अब वे भी सख्ती की जद में आ गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने उनसे जवाब तलब किया है। इसमें गोरखपुर मंडल के गोरखपुर और देवरिया पुलिस का नाम भी शामिल है। यहां दो माफिया राजन तिवारी और रामू द्विवेदी पर पुलिस की नरमी, सवालों के घेरे में है। डीजीपी कार्यालय ने इन सभी माफियाओं की काली कमाई वाली संपत्ति को चिन्हित कर कार्यवाही करने के साथ ही रोजाना प्रगति रिपोर्ट देने की हिदायत दी है।
दरअसल, यूपी में क्राइम कंट्रोल के लिए 25 मार्च 2022 को अभियान चलाकर माफियाओं की एक सूची तैयार हुई थी। हर सप्ताह की जाने वाली समीक्षा में सामने आया है कि 68 में से 17 माफियाओं पर उनके जिले की पुलिस द्वारा लगातार नरमी बरती जा रही है।
इनमें पांच तो ऐसे हैं जो माफिया की लिस्ट में तो शामिल हो गए हैं पर उनके खिलाफ कार्यवाही अब तक शून्य है। जबकि 12 माफियाओं के खिलाफ सिर्फ कार्रवाई का कोरम ही पूरा किया गया है। इन पर शिकंजा कसने के लिए न उनके गुर्गों की नकेल कसी गई और न ही उनकी अवैध सम्पत्तियों की जब्ती हुई। उन पर दर्ज मुकदमों में पैरवी कर सजा दिलाने में भी पुलिस नाकाम रही है।
गोरखपुर रेंज में है पांच प्रदेशस्तरीय माफिया
गोरखपुर रेंज से प्रदेशस्तरीय माफिया सूची में देवरिया से रामू द्विवेदी, गोरखपुर से राकेश यादव, विनोद उपाध्याय, सुधीर सिंह, राजन तिवारी का नाम शामिल है। इनमें राकेश यादव और सुधीर सिंह वर्तमान में जेल में हैं। दोनों की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। राकेश यादव के अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चल चुका है। वहीं विनोद उपाध्याय फरार है उस पर एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है।
विनोद की सम्पत्ति भी जब्त हुई है और अवैध निर्माण पर बुलडोजर भी चला है। राजन तिवारी को गैंगस्टर के मुकदमे में एनबीडब्ल्यू में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वर्तमान में राजन जमानत पर है। राजन को कम कार्रवाई वाली सूची में रखा गया है। जबकि माफिया घोषित होने के बाद भी रामू द्विवेदी पर अभी तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है।