नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के विभिन्न बिजली वितरण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं के घरों पर लगाए जा रहे प्रीपेड स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने स्मार्ट मीटर परियोजना में काम कर रही कंपनियों को पत्र लिख कर खामियों को दूर करने को कहा है। वहीं उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि घटिया स्मार्ट प्रीपेड मीटर जब तक सही न हो जाए तब तक उसके लगाने पर रोक लगाई जाए।
गुरुवार को उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस गंभीर मामले पर पावर कॉरपोरेशन व सभी बिजली कंपनियों के अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल से बात की। परिषद अध्यक्ष के मुताबिक डॉ गोयल ने उन्हें आश्वासन दिया कि घटिया क्वालिटी के साथ समझौता नहीं होगा और जब तक उच्च गुणवत्ता साबित नहीं होगी तब तक कंपनियों को कोई भुगतान नहीं दिया जाएगा।
उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष को अवगत कराते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों से बिहार में हंगामा मचा है जहां 18 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज नहीं हो रहे और सर्वर ठप्प है। इस तरह कि घटना उत्तर प्रदेश में ना हो इसलिए सख्त कार्रवाई की जरूरत है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम पक्षिमांचल विद्युत वितरण निगम व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम दक्षिणांचल में लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर कॉरपोरेशन की उच्च स्तरीय टीम की जांच में एलाइड इंजीनियरिंग वर्क्स ( एईडब्ल्यू)मेक में कमियां निकालने के बाद पावर कॉरपोरेशन द्वारा उसे ठीक करने के लिए तीन से चार नोटिस भेजने के बाद भी उस पर कोई जवाब नही दिया गया है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा अभी तक जो 275000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगे हैं उसमें यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि लगभग 1.5 लाख मीटर इसी एईडब्ल्यू कंपनी के हैं। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि अब तक जितने भी घटिया मीटर लगे हैं उन्हें तत्काल बदलवाना चाहिए।
पावर कारपोरेशन अध्यक्ष ने आश्वासन देते हुए कहा कोई भी घटिया मीटर निर्माता कंपनी उत्तर प्रदेश में काम नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि पावर कॉरपोरेशन पुरी परियोजना पर नजर बनाए हुए हैं हर स्तर पर क्वालिट पर ध्यान दिया जा रहा है कहीं भी कोई समझौता नहीं होगा।