नई दिल्ली। पहले देश और अब केवल कर्नाटक, हिमाचल और तेलंगाना तक सिमटी पार्टी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी और बीजेपी पर हमलावर होते हुए उन्हें दलित विरोधी बताया है. केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए, एलओपी राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर एससी-एसटी की मौजूद नियुक्तिों को भरने में नाकाम रहने पर चिंता जताई है. राहुल गांधी ने कहा एससी-एसटी पदों का अबतक न भरा जाना भाजपा की दलित विरोधी मानसिकता को दिखाता है, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मांग की कि उन रिक्तियों को तत्काल भरा जाए ताकि आयोग दलितों के हितों की रक्षा हो सके.
गांधी ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, ‘बीजेपी सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का एक और सबूत दिखाना चाहता हूं- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, जो दलितों के अधिकारों की रक्षा करता है, उसे जानबूझकर उपेक्षित किया गया है – इसके दो प्रमुख पद पिछले साल से खाली पड़े हैं. यह आयोग एक संवैधानिक संस्था है. इसे कमज़ोर करना दलितों के संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों पर सीधा हमला है. अगर आयोग नहीं तो सरकार में दलितों की आवाज़ कौन सुनेगा? उनकी शिकायतों पर कार्रवाई कौन करेगा.’
क्या है एनसीएससी?
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC), जो अनुसूचित जातियों के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक अधिकारों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, वर्तमान में किशोर मकवाना प्रमुख भूमिका में हैं. हालांकि, आयोग की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, संस्थान में वर्तमान में दो महत्वपूर्ण रिक्तियों की बात करें तो उपाध्यक्ष और सदस्य के पद खाली हैं. आपको बताते चलें कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो अनुसूचित जातियों के शोषण के खिलाफ सुरक्षा उपाय प्रदान करने और उनके सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक हितों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए स्थापित किया गया है.
2024 वाला कौन सा दांव रिपीट कर रहे राहुल
राहुल गांधी ने 2014 में नरेंद्र मोदी और बीजेपी कई सालों बाद अपने दम पर केंद्र की सत्ता में पहुंचे. इसके बाद भी उन्होंने एनडीए पार्टनर्स के मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा. इसका फायदा उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों में मिला जब बीजेपी बहुमत से 32 सीट कम रह गई. इसके बाद राष्ट्रवाद और विचारधारा और अन्य आधार वाले नेचुरल अलायंस बीजेपी की ढाल बन गए. 2014 के चुनाव में कांग्रेस सिकुड़ चुकी थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महज 52 (पहले 48 फिर उपचुनाव जीती). 17 प्रदेशों में कांग्रेस का खाता तक नहीं खुला था. दूसरी तरफ BJP ने 303 सीटें जीती थीं. 10 राज्यों की लगभग पूरी की पूरी सीटें BJP को मिलीं.
2024 के आम चुनाव में बीजेपी ने तीसरी बार एनडीए सरकार बनाते हुए जीत की हैट्रिक लगाई. हालांकि इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत से बीजेपी कम रह गई तो नायडू, नीतीश और शिंदे मोदी के साथ मजबूती से खड़े दिखे. 2024 में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं. इस बार कांग्रेस ने जिस फार्मूले से अपनी सीटें लगभग दोगुनी कर ली थी. वो था दलित कार्ड, कांग्रेस ने पूरे प्रचार में बीजेपी के खिलाफ नैरेटिव सेट कर दिया कि 400 बार यानी बीजेपी 400 जील गई भैया तो संविधान बदलकर आरक्षण खत्म कर देगी.
हालांकि कांग्रेस और उसके सहयोगी इंडिया अलायंस मिलकर भी इतनी सीट न ला पाया कि सरकार बनाना तो दूर सरकार बनाने का दावा भी पेश करती, बीजेपी का डर दिखाकर कांग्रेस ने सीटें डबल कर ली. 4 जून को लोकसभा चुनावों के नतीजें आने के बाद भी राहुल ने दलित कार्ड को आगे रखकर, जेब में संविधान की कथित कॉपी रखकर उसी नैरेटिव को बढ़ा रही है कि बीजेपी दलित विरोधी है. इसी वजह से अभी दो दिन पहले राहुल बीएसपी सुप्रीमो मायावती पर हमलावर होते हुए बोले थे कि उनकी वजह से ही बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही.