मुंबई: महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना ने भी अपनी कमर कस ली है और वो 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के मूड में है. हालांकि अभी सीट बंटवारे को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है, उससे पहले ही एकनाथ शिंदे का ये कदम बीजेपी के लिए टेंशन पैदा कर सकता है.
महाराष्ट्र में एनडीए और एमवीए दो गठबंधन हैं और दोनों ही गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर तानातानी चल रही है. एनडीए वाले गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं. एकनाथ शिंदे की शिवसेना सौ सीटों पर तैयारी कर रही है. सीट बंटवारे से पहले शिंदे की सेना का ये कदम गठबंधन को किस ओर लेकर जाएगा?
2019 के चुनाव में क्या था समीकरण
महाराष्ट्र के पिछले चुनाव में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे एक साथ थे. उस समय की जीती हुई 65 सीटों पर एकनाथ शिंदे की नजर होगी. 2019 में उद्धव ठाकरे बीजेपी के साथ गठबंधन में थे तब भी शिवसेना ने 127 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसमें से एकनाथ शिंदे 100 सीटों पर नजर गढ़ाए हुए हैं. इनमें से जीती हुई 65 सीटें और दूसरे नंबर पर रहने वाली 56 सीटों पर एकनाथ शिंदे की नजर है.
100 सीटों का लिया जा रहा जायजा
इन विधानसभा क्षेत्रों का जाएजा करने के लिए एकनाथ शिंदे ने अपनी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता, नेता, मंत्रियों की निरीक्षक के तौर पर भेजा गया है. इसके बाद पूरी रिपोर्ट शिंदे को दी जाएगी. जिसके जरिए पता लगाया जाएगा कि कौन से विधानसभा क्षेत्र में पार्टी कितनी मजबूत है, यह स्पष्ट होगा. उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
कुछ दिन पहले ही अजित पवार ने अमित शाह से मुलाकात करके सीट बंटवारे की बात की थी. बीजेपी 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने पर विचार कर रही है. ऐसे मे शिंदे की 100 सीटों पर तैयारी गठबंधन के लिए एक दबावतंत्र भी हो सकता है.
मौजूदा स्थिति क्या है?
इस सरकार में बीजेपी के 105, अजित पवार वाली एनसीपी के 42 और एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के 40 विधायक हैं. महाराष्ट्र में सत्ता के मैजिक फिगर को छूने के लिए 144 सीटों की जरूरत होती है और ये आंकड़ा अकेले किसी पार्टी के पास नहीं है.