देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में धधक रही आग कहर बन कर टूट रही थी लेकिन अब इंद्र देवता इतने मेहरबान हुए कि राज्य में मौसमी मुसीबत का सामना करना पड़ रही है. राज्यों के कई इलाकों में बारिश होने से जंगलों की आग काफी हद तक शांत हो गई है. लेकिन बदले मौसम ने पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया.
उत्तराखंड के अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, बागेश्वर जिलों में हुई भारी बारिश से जंगल की आग काफी हद तक शांत हो गई है. हालांकि कई इलाकों में बादल फटने, ओले और बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. उत्तराखंड के अल्मोड़ा और बागेश्वर में बादल फटा है और पुरोला उत्तरकाशी में ओलावृष्टि हुई है. बादल फटने से इलाके में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं.
जंगलों में आग लगने की वजह क्या है?
आईएमडी ने 13 मई तक उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है. आईएमडी ने यात्रियों को बारिश के दौरान पहाड़ियों पर यात्रा करने से बचने की चेतावनी दी है. सीएम धामी ने मॉनसून आपदा न्यूनीकरण और चारधाम प्रबंधन पर अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. सीएम धामी ने अधिकारियों को पूरे संसाधनों का उपयोग करने का आदेश दिया और किसी भी चूक पर कार्रवाई की बात कही.
अब तक 1391 हेक्टयर फॉरेस्ट्स जल कर खाक
प्रदेश में वनाग्नि एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. अब तक 1041 घटनाओं में 1391 हेक्टयर फॉरेस्ट्स जल कर खाक हो गए हैं. अब तक इन घटनाओं में 5 लोगों की मौत हुई है और 4 लोग घायल हुए हैं. करीब 7500 से ज्यादा पेड़ पौधे नष्ट हो गए और 30 लाख 97 हज़ार का नुकसान हुआ है