सुनील कुमार की रिपोर्ट
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी में पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि को सद्भावना दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा देश के निर्माण में दिए गए उनके अमूल्य योगदान के बारे में चर्चा की।
बृहस्पतिवार को राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर गंगोत्री विधानसभा में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया। जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण के नेतृत्व में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
नगर पालिका बाड़ाहाट अध्यक्ष रमेश सेमवाल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी देश के छठवें प्रधानमंत्री थे। उन्होंने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में सूचना और तकनीक के क्षेत्र में जो काम किया उसका आज सीधा लाभ भारत को मिल रहा है। युवा प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों से देश की जनता के दिलो दिमाग में अमिट छाप छोड़ी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 से 1989 के बीच राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे। इन पांच वर्षों में ही इस युवा प्रधानमंत्री ने अपने कार्यों से देश की जनता के दिलोदिमाग में अमिट छाप छोड़ी। एक ही कार्यकाल में कई ऐसे कार्य किए, जिसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21वीं सदी के भारत का निर्माता भी कहा जाता है। 40 वर्ष में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी ने आधुनिक भारत की नींव रखने की दिशा में काम किया।
पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि यह राजीव गांधी ही थे जिन्होंने भारत में दूरसंचार क्रांति लायी। आज जिस डिजिटल इंडिया की चर्चा मोदी सरकार में जोरो-जोरो से किया जाता है। उसकी संकल्पना राजीव गांधी अपने जमाने में कर चुके थे। उन्हें डिजिटल इंडिया का आर्किटेक्ट और सूचना तकनीक और दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है। पहले देश में वोट देने की उम्र सीमा 21 वर्ष थी। राजीव गांधी ने इस आयु सीमा को 18 वर्ष किया। 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार देकर उन्हें देश के प्रति और जिम्मेदार तथा सशक्त बनाने की पहल की। देश में कंप्यूटर आम जन की पहुंच से दूर था। मगर राजीव गांधी ने अपने वैज्ञानिक मित्र सैम पित्रोदा के साथ मिलकर देश में कंप्यूटर क्रांति लाने की दिशा में काम किया।
पालिकाध्यक्ष रमेश सेमवाल ने कहा कि भारत की इकाई गांव को सशक्त करने के लिए राजीव गांधी द्वारा पंचायतीराज से जुड़ी संस्थाएं मजबूती से विकास कार्य कर सकें, इस सोच के साथ देश में पंचायतीराज व्यवस्था को उनके द्वारा सशक्त किया। सम्पूर्ण भारत में लगभग 551 नवोदय विद्यालय खोले गए। जिनमें गांवों के बच्चों को भी उत्कृष्ट शिक्षा मिले इस सोच के साथ राजीव गांधी ने जवाहर नवोदय विद्यालयों की नींव डाली थी। यह आवासीय विद्यालय होते हैं। प्रवेश परीक्षा में सफल मेधावी बच्चों को इन स्कूलों में प्रवेश मिलता है। बच्चों को छह से 12वीं तक की मुफ्त शिक्षा और हॉस्टल में रहने की सुविधा मिलती है। राजीव गांधी ने शिक्षा क्षेत्र में भी क्रांतिकारी उपाय किए। उनकी सरकार ने 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की। इसके तहत पूरे देश में उच्च शिक्षा व्यवस्था का आधुनिकीकरण और विस्तार हुआ।
इस मौके पर कांग्रेस के पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।