महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच ब्यूरों ने हाई प्रोफाइल जालसाजों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस रैकेट के सदस्य लोगों को 100 करोड़ रुपये में राज्यपाल बनाने और राज्यसभा सीट दिलाने का ख्वाब दिखाकर मोटी रकम ऐंठने की कोशिश में थे. रैकेट चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर सीबीआई ने चौंका देने वाला खुलासा किया है. सीबीआई के मुताबिक महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक पदों की सौदेबाजी करने वाले इस गिरोह का नेटवर्क बहुत बड़ा है. हाल-फिलहाल में ठगी का इतना बड़ा मामला सामने नहीं आया था. चारों को गिरफ्तार सीबीआई मामले की जांच में जुट गई है.
100 करोड़ में राज्यसभा की सीट!
सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी फर्जी सीबीआई अधिकारी बन राजनेताओं और अधिकारियों से संबध दिखा राज्यसभा सीट दिलाने का भरोसा दिखा ठगी कर रहे थे. सीट दिलाने के नाम पर 100 करोड़ की ठगी का प्लान था. लेकिन उससे पहले ही असली सीबीआई की गिरफ्त में आ गये.
फर्जी सीबीआई बन कर रहे थे ठगी
सीबीआई को इस बात की जानकारी मिल रही थी कि कुछ लोग फर्जी सीबीआई अधिकारी बन, लोगों को ठगने की योजना बना रहे है. ये लोगों को झांसे में ले रहे थे कि अगर 100 करोड़ रुपये दे तो बदले में राज्यसभा सदस्य, राज्यपाल या फिर किसी कमिशन का चेयरमैन बनाया जा सकता है. इसके लिये महाराष्ट्र के कमलाकर प्रेमकुमार बंडागर ने दिल्ली के रहने वाले महेंद्र पाल अरोरा और गाजियाबाद के अभिषेक बूरा के साथ साजिश रची और इसमें मोहम्मद एजाज खान और रविंद्र विट्ठल नायक को शामिल किया.
ऐसे आए सीबीआई की पकड़ में
गिरफ्तार आरोपियों को कमलाकर प्रेमकुमार ने टास्क दिया की वो ऐसे लोगों को तलाश करे जो राज्यसभा सदस्य बनना चाहते हैं, या फिर राज्यपाल और किसी कमिशन का चेयरमैन. उनको कहा जाये कि 100 करोड़ के बदले मुख्य आरोपी कमलाकर प्रेमकुमार राजनेताओं, अधिकारियों से ये पद दिलवा सकता है. इसी के बाद आरोपियों ने लोगों की तलाश करनी शुरू कर दी .जो इस तरह के पद चाहते थे लेकिन उससे पहले ही सीबीआई की पकड़ में आ गये.
4 आरोपियों की गिरफ्तारी
सीबीआई ने कमलाकर प्रेमकुमार समेत पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में 7 जगहों पर छापेमारी कर कमलाकर प्रेमकुमार, अभिषेक बूरा, महेंद्र पाल अरोरा और रविंद्र विट्ठल नायक को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया. जहां से सभी आरोपियों को जमानत मिल गयी है.