सिमरी बख्तियारपुर। रमजान माह का मुस्लिम समुदाय में विशेष स्थान है। इस माह में पूरे विश्व के मुस्लिम बहुत ही पवित्रता के साथ उपवास रखते हैं। विश्व भर के मुस्लिम इस पवित्र माह में उपवास रखते है। उपवास को फारसी भाषा में रोजा भी कहते हैं। मो. जुबेर आलम ने बताया कि रमजान को नेकियों का मौसम ए बहार कहा जाता है। इस महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हुए अपने परम पिता परमेश्वर को संतुष्ट करने की कोशिश करता है। यह महीना समाज के गरीबों और जरूरतमंदों के साथ हमदर्दी का महीना भी है। रमजान के महीने को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। वहीं मो. सहबर आलम ने बताया कि हदीस में आया है कि अन्य दिनों के मुकाबले एक माह में एक नेकी के बदले 70 गुना अधिक सवाब मिलता है। रमज़ान के महीने में लोग अपने एक माह तक रोजे रखते हुए अपने रब को राजी करने के लिए नमाज और तिलावत ए क़ुरान के साथ रमजान की विशेष रात्रि नमाज तरावीह पढ़ते हैं। रमजान के महीने को नेकियों और इबादतों का महीना माना जाता है। हदीस में आया है कि अन्य दिनों के मुकाबले एक माह में एक नेकी के बदले 70 गुना अधिक सवाब (पुण्य) मिलता है। रमज़ान के महीने में लोग अपने एक माह तक रोजे रखते हुए अपने रब को राजी करने के लिए नमाज और तिलावत ए क़ुरान के साथ रमजान की विशेष रात्रि नमाज तरावीह पढ़ते हैं।