नई दिल्ली : एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पूरे देश में महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित शहर है। 2012 में हुए जघन्य निर्भया कांड (दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला) के 10 साल बाद भी दिल्ली के हालातों में खासा सुधार नहीं दिखा है। दिल्ली में पिछले साल यानी 2021 में हर दिन दो नाबालिग लड़कियों से रेप हुआ। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल हर दिन दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया। आंकड़े कहते हैं कि पिछले साल दिल्ली देश भर में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित महानगर था। एनसीआरबी की हाल ही में प्रकाशित ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2021 में बलात्कार, अपहरण और पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के मामलों में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई।
दिल्ली में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 13,892 मामले भी दर्ज किए गए, जो कि 2020 की तुलना में 40% से अधिक की डरावनी वृद्धि है। 2020 में यह आंकड़ा 9,782 था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले सभी 19 महानगरों की श्रेणी में कुल अपराधों का 32.20 प्रतिशत हैं।
दिल्ली के बाद वित्तीय राजधानी मुंबई थी, जिसमें 5,543 ऐसे मामले और बेंगलुरु में 3,127 मामले थे। 20 लाख से अधिक आबादी वाले अन्य महानगरीय शहरों की तुलना में राष्ट्रीय राजधानी में अपहरण (3948), पतियों द्वारा क्रूरता (4674) और बालिकाओं के साथ बलात्कार (833) से संबंधित श्रेणियों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में दिल्ली में हर दिन औसतन दो लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 13,982 मामले दर्ज किए गए, जबकि सभी 19 महानगरों में कुल अपराध 43,414 थे। राजधानी में 2021 में दहेज हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 19 महानगरों में होने वाली कुल मौतों का 36.26 प्रतिशत है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में हत्या के मामलों में मामूली कमी दर्ज की गयी। दिल्ली में 2021 में हत्या के 454 मामले जबकि 2020 में 461 और 2019 में 500 मामले आए थे। आंकड़ों के अनुसार, 2021 में राष्ट्रीय राजधानी में दर्ज किए गए हत्या के ज्यादातर मामले विभिन्न विवादों का नतीजा थे, जिनमें संपत्ति और परिवार से जुड़े विवाद शामिल हैं। हत्या के 23 मामलों में प्रेम प्रसंग के कारण खूनखराबा हुआ और 12 हत्याएं अवैध संबंधों के कारण हुई।
इसके अनुसार, इनमें 87 हत्याओं के पीछे निजी दुश्मनी वजह थी जबकि 10 हत्याएं निजी फायदे के कारण की गयी। राष्ट्रीय राजधानी में दहेज, जादू टोने, बाल/नर बलि तथा साम्प्रदायिक, धार्मिक या जाति की वजहों से कोई हत्या नहीं हुई। राष्ट्रीय राजधानी में 2020 में अपहरण के सबसे अधिक 5,475 मामले सामने आए थे जबकि पिछले साल 4,011 मामले सामने आए। आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस 5,274 अपहृत लोगों को बचा पायी, जिनमें 3,689 महिलाएं शामिल हैं। अपहृत किए गए 17 लोग मृत पाए गए, जिनमें आठ महिलाएं भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने कहा है कि पिछले साल ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई और राज्य में उनके खिलाफ हमले और साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए।
एनसीआरबी की हाल ही में प्रकाशित ‘क्राइम इन इंडिया 2021’ रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 2021 में बलात्कार, अपहरण और पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के मामलों में भी भारी वृद्धि दर्ज की गई। राज्य में प्रति एक लाख महिलाओं पर अपराध दर बढ़कर 137.8 हो गई जो 2020 में 112.9 थी। इस प्रकार ओडिशा देश में असम और दिल्ली के बाद तीसरे नंबर पर है।