वैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाई जाएगी और इस बार यह शुभ तिथि 3 मई है। ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार अक्षय तृतीया पर 50 वर्ष बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस बार यह तिथि मंगलवार को पड़ रही है और इस दिन रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा। इसीलिए इस दिन दुर्लभ मंगल रोहिणी योग में शोभन योग बन रहा है। अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त होता है यानी इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य किए जाते हैं और वाहन, सोने आदि की खरीदारी की जा सकती है। इस दिन नए कार्य की शुरुआत करने पर शुभ फल प्राप्त होता है।
शुभ योग में करें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा
ज्योतिषियों के मुताबिक, अक्षय तृतीया के दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। किसी भी प्रकार का दान अक्षय फल प्राप्त करता है। इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिषियों ने बताया कि मंगलवार को दुर्लभ मंगल रोहिणी योग में 50 वर्षों के बाद शोभन योग बन रहा है। 2 ग्रह उच्च राशि में और 2 प्रमुख ग्रह स्वयं के राशि में स्थित होंगे। इस दिन 5 ग्रहों की अनुकूल स्थिति में होना विशेष है। इस दिन शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे। वहीं, इस दिन सूर्य भी अपनी उच्च राशि में स्थित रहेगा।
अक्षय तृतीया सर्वदा रहती है अक्षय
ज्योतिषियों के मुताबिक, गुरु के मीन राशि में होने से हंस राजयोग, शुक्र के अपनी उच्च राशि में होने से मालव्य राजयोग और शनि के अपने घर में विद्यमान होने से शश राजयोग बन रहा है। इस बार अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र व शोभन योग में भी है। यह तिथि पुण्यदायी होती है। तिथियों का घटना बढ़ना क्षय होना क्रमश: चंद्रमास और सौरमास की गणना के अनुसार तय है, लेकिन अक्षय तृतीया सर्वदा अक्षय रहती है।
अक्षय तृतीया पर करें ये उपाय
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन को दान के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। छोटे उपाय करके समस्याओं का निवारण कर सकते हैं। मानसिक रूप से परेशान लोगों को इस दिन कलश में भरकर चावल दान करने चाहिए। गुस्सैल व्यक्ति को लाल मसूर का दान देना चाहिए। घर में बीमारियां रहती है तो घर के नॉर्थ ईस्ट को जरूर साफ कर दीपक जलाएं। सुबह से ही दिनचर्या संयमित करें। पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:39 से दोपहर 12:18 बजे तक है। इस समय अनुसार पूजा कर सकते हैं, अक्षय तृतीया शुभ फल देंगी।