- गुरू से लिया आशीर्वाद कभी व्यर्थ नहीं जाता
- लक्ष्य बनाकर मेहनत करने वाले ही प्राप्त करते हैं सफलता
देहरादून। दृढ़ संकल्प वाले लोग अपने जीवन के लक्ष्य को पाने और अपने लिए बेहतर जीवन बनाने की कोशिश जारी रखते है तो एक न एक दिन वह अवश्य कामयाबी के शिखर पर पहुंच ही जाते है। ऐसे ही हिम्मती मानव अपनी हिम्मत और जज्बे से अपेक्षाओं को छोड़, सफलता के लिए अपना रास्ता खुद बनाने की जुस्तजू में लगे रहते है, प्रदेश के उधमसिंह नगर निवासी राशिद ऐसे ही एक उदाहरण है जो चुनौतियों पर विजय पाने की जीती जागती मिसाल हैं। जो समावेशन की राह पर चलने वालों के लिए एक मार्गदर्शक की तरह है।
प्रयाग आईएएस अकादमी के छात्र राशिद ने वर्ष 2017 में आई उत्तराखंड सचिवालय प्रशासन के अपर निजी सचिव पद आवेदन किया। जिसकी मुख्य परिक्षा वर्ष 2020 में हुई ओर परीक्षा से पहले ही परेशानियों ने राशिद से मुकाबला करना शुरू कर दिया।प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस परीक्षा के लिये डिप्लोमा और बी टैक की आहर्ता रखी गई थी|
राशिद सहित 4 अभ्यर्थियों ने बीसीए के आधार पर आवेदन किया, लोक सेवा आयोग की और से परिक्षा में बैठने पर आपत्ती जताई गई तो राशिद ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट ने परिक्षा देने और योग्यता संबंधि कमेटी को मामला सुलझाने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश और योग्यता संबंधि कमेटी की संस्तुति पर मामला कैबिनेट में आया और बीसीए को भी आर्ह माना गया।
रिट याचिका राशिद व अन्य तथा रिट याचिका शिवानी धस्माना व अन्य में उच्च न्यायालय की और से पारित अंतरिम आदेश 31 मार्च 2023 के अनुपालन में उच्च शिक्षा विभाग की समतुल्यता समिति के आधार पर मंत्रिमण्डल के निर्णय 12 सितंबर 2023 के क्रम में अपर निजी सचिव परीक्षा-2017 में विज्ञापित शैक्षिक अर्हता के संबंध में याचीगण राशिद, शिवानी धस्माना, महेश प्रसाद व दीपक डिमरी की शैक्षिक अर्हता में 75 प्रतिशत से अधिक की साम्यता होने पर उक्त परीक्षा के लिये अहं माने गये हैं।
शासन के पत्र के कम में उत्तराखण्ड सचिवालय व लोक सेवा आयोग अपर निजी सचिव परीक्षा 2017 के चयन परिणाम की मेरिट लिस्ट के क्रम में राशिद ने पहला स्थान हासिल किया है। इस प्रकार उन्हें अपनी मंजिल हासिल करने के लिये तीन साल तक संघर्ष करना पड़ा, मगर उन्होंने और उनके साथी शिवानी धस्माना, महेश प्रसाद व दीपक डिमरी ने हिम्मत नहीं हारी। राशिद अभी जिला न्यायालय देहरादून में कार्यरत हैं।
प्रयाग आईएएस अकादमी के निदेशक आर ए खान ने सभी सफल अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि संघर्ष कभी भी व्यर्थ नहीं जाता। बस अपनी मंजिल तक कर लक्ष्य की प्राप्ती के लिये कड़ी मेहनत करते रहना जरूरी है। जीवन में मुशिकले आएंगी, मगर निरंतर चलने वाले अपनी मंजिल तक पहुंच कर ही रहते हैं।