नई दिल्ली: फ्री में राशन का लाभ ले रहे सैकड़ों लाभार्थियों के लिए बुरी खबर है। विभाग ने कई परिवारों के राशन कार्ड को निरस्त कर दिया है। इसके चलते अब इन्हें फ्री में गेहूं-चावल का लाभ नहीं मिल पाएगा। मामला यूपी के बरेली जिले का है। दरअसल utt इन परिवारों ने अपनी जरूरत के लिए बैंकों से ऋण लिया था। आपूर्ति विभाग को मुख्यालय से प्राप्त लिस्ट में जिन लोगों का नाम था उनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। दरअसल मानक के अनुसार बैंक द्वारा कर्ज इसको आर्थिक स्थिति का आंकलन करके ही दिया जाता है।
आपूर्ति विभाग के मुताबिक मुख्यालय से प्राप्त लिस्ट में जो टैक्स पेयर है या टीडीएस धारक हैं या फिर जिन लोगों ने लोन लेने के लिए खुद को समृद्ध दिखाते हुए पांच लाख से अधिक वार्षिक आय दिखाते हुए टैक्स जमा किया है उन लोगों का नाम शामिल है। जो व्यक्ति बैंक के कर्ज की किस्त जमा करने में सक्षम है, उसकी आय उसके अनुरूप है। बैंकों ने ऋण देने के लिए जरूरतमंद लोगों के पैन कार्ड लगाए थे। उसके आधार पर इनकी आय राशन कार्ड की पात्रता से ज्यादा हो गई है। ऐसे में जिले में सैकड़ों परिवारों के राशनकार्ड निरस्त हो गए।
यह है पूर्ति विभाग की गाइडलाइन
राशन कार्ड पाने के लिए शासन से पात्रता निर्धारित है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण वार्षिक आय है। परिवार के सभी सदस्यों की आय को एक साथ जोड़कर आंकलन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में एक परिवार की सालाना आय दो लाख और शहरी क्षेत्र में तीन लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। ज्यादा आय होने पर राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है। प्रत्येक जिले में राशनकार्ड की संख्या निर्धारित है। ऐसे में जिन परिवारों की आय इस निर्धारित मानक से ज्यादा हो जाती है, उनके राशनकार्ड निरस्त कर दिए जाते हैं।
कर्ज लेने से बदला कई का आर्थक स्तर
दरअसल बैंक से कर्ज लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी आय बढ़ाकर दिखाने के साथ ही टैक्स पेयर भी खुद को दर्शा दिया। एक बार टैक्स पेयर होने के बाद सॉफ्टवेयर के तहत ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनकी लिस्ट पूर्ति विभाग को शासन से भेजी गई। शासन से प्राप्त लिस्ट में शामिल नाम के सभी राशनकार्ड निरस्त कर दिए गए।
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया, टैक्स पेयर, टीडीएस कट वाले लोगों का नाम शासन से प्राप्त सूची में है। शासन से मिली लिस्ट वाले सभी राशनकार्डों को निरस्त किया गया है। अगर किसी जरूरतमंद का कार्ड निरस्त हो गया है तो दोबारा से आवेदन वह कर सकता है। विभागीय जांच करा मानक पूर्ण होने पर उसे जारी किया जाएगा।