मुंबई. एक और को-ऑपरेटिव बैंक को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के पुणे के द सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक लि. का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने कहा है कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और न ही उसके पास आमदनी की संभावनाएं हैं, ऐसे में उसका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है.
बैंक द्वारा जो आंकड़े दिए गए हैं उनके अनुसार उसके 99 फीसदी जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत अपनी पूरी जमा राशि पाने के पात्र हैं. डीआईसीजीसी ने 14 सितंबर तक कुल बीमित जमा का 152.36 करोड़ रुपये का भुगतान किया था.
10 अक्टूबर बंद हो गया सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक
रिजर्व बैंक ने सोमवार को बयान में कहा कि बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही आमदनी की संभावनाएं हैं 10 अक्टूबर को कारोबारी घंटों के बाद को-ऑपरेटिव बैंक, बैंक कारोबार नहीं कर सकेगा. केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति में मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि का भुगतान करने में सक्षम नहीं है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि सेवा विकास को-ऑपरेटिव बैंक को बैंकिंग कारोबार से रोक दिया गया है. अन्य चीजों के अलावा बैंक तत्काल प्रभाव से न तो जमा स्वीकार कर सकेगा और न ही जमा का पेमेंट कर सकेगा.
बैंक डूबने पर 5 लाख रुपये तक सुरक्षित
बता दें कि DICGC इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि का इंश्योरेंस होता है. इस वजह से बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में कस्टमर्स को इतनी डिपॉजिट रकम राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है. डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है, जो बैंक जमा पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर देती है.