रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से पेमेंट गेटवे सर्विस प्रोवाइडर मास्टरकार्ड को बड़ी राहत दी गई है. केंद्रीय बैंक ने पिछले दिनों मास्टरकार्ड पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटा लिया है. आरबीआई के इस कदम के बाद कंपनी नए ग्राहकों की ऑनबोर्डिंग कर पाएगी. आपको बता दें जुलाई 2021 से मास्टरकार्ड पर नए कार्ड जारी करने पर रोक लगी थी.
कंपनी ने किया भारतीय नियमों का उल्लंघन
रिजर्व बैंक की तरफ से डाटा स्टोरेज की गाइडलाइंस फॉलो नहीं करने पर मास्टरकार्ड के नए कार्ड जारी करने पर रोक लगाई गई थी. इस रोक के तहत 22 जुलाई 2021 से नए कार्ड जारी करने पर रोक लगाई गई थी. हालांकि, कंपनी के पुराने ग्राहकों पर इसका असर नहीं हुआ था. दरअसल, स्टोरेज नियमों के मुताबिक ग्राहकों के पेमेंट से जुड़ा डाटा भारत में स्टोर करना जरूरी था. लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया था.
2018 में जारी हुए थे डाटा लोकलाइजेशन के नियम
डाटा से जुड़े जियोपॉलिटिकल रिस्क को देखते हुए आरबीआई ने अप्रैल 2018 में डाटा लोकलाइजेशन के नियम जारी किए थे. इसके तहत सभी सर्विस प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया गया था कि वे 6 महीने के अंदर पेमेंट से जुड़े सभी आंकड़े देश में ही रखने की व्यवस्था करें.
धीरे-धीरे कंपनियों ने नियमों को माना
शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, अमेजॉन समेत कई ग्लोबल बैंकों ने डाटा लोकलाइजेशन के नियमों का विरोध किया था. लेकिन बाद में धीरे-धीरे कंपनियों ने इन नियमों को मान लिया था. जबकि, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर मास्टरकार्ड पर्याप्त समय और मौके देने के बाद भी नियमों पर पूरी तरह खरा उतरने में विफल रहा था.