नई दिल्ली l लगातार पांच साल तक घाटा झेलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बीते वित्त वर्ष 2020-21 में शुद्ध लाभ कमाया है. ICRA Ratings की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बैंकों को अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो पर अप्रत्याशित लाभ हुआ है, जिससे वे फिर लाभ में पहुंच गए हैं. इसके जरिए PSBs ने 31600 करोड़ का प्रॉफिट बुक किया जबकि पूरे वित्त वर्ष में प्रॉफिट बिफोर टैक्स 45,900 करोड़ रहा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेडिंग पर लाभ के अलावा पुरानी गैर-निष्पादित आस्तियों पर निचले ऋण प्रावधान की वजह से भी बैंक मुनाफे में लौट पाए हैं. पिछले कुछ वर्षों के दौरान बैंकों को इसके लिए काफी ऊंचा प्रावधान करना पड़ा था. इक्रा रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 महामारी की शुरुआत से सरकारी बैंकों को अपने बॉन्ड पोर्टफोलियो पर ट्रेडिंग लाभ हो रहा है. रिजर्व बैंक द्वार मार्च, 2020 में रेपो दर में बड़ी कटौती के बाद बैंक बॉन्ड पर बड़ा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं. ’’
रेपो रेट में 1.15 फीसदी की कटौती
मार्च, 2020 से मई, 2020 के दौरान रेपो दर में 1.15 प्रतिशत कर इसे चार प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर में 1.55 प्रतिशत की कटौती के साथ इसे 3.35 प्रतिशत पर लाया गया है. इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष (वित्तीय क्षेत्र रेटिंग्स) अनिल गुप्ता ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 32,848 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है. इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों को 38,907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
बैंकों के लिए अच्छी खबर
बैंकों के लिए यह अच्छी खबर है. सरकार धीरे-धीरे बैंकों के निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है. चालू वित्त वर्ष में दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा. आज की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नीति आयोग ने बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को शॉर्टलिस्ट किया है. इस समय देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंक हैं. इनमें से छह बैंक ऐसे हैं जिनका मर्जर किया गया है. माना जा रहा है कि देर-सबेर बांकी के छह बैंकों का पहले प्राइवेटाइजेशन किया जाएगा. बैंकों के लाभ में आने से निजीकरण में सरकार को मदद मिलेगी.
खबर इनपुट एजेंसी से