देहरादून : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। मंगलवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने ऋषिकेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा सीजन की पहली बैठक की। बैठक के दौरान पूर्व में यात्रा के दौरान आई समस्याओं और उनके निराकरण के साथ व्यवस्था तैयार करने पर चर्चा की गई।
इस दौरान तय किया गया कि यात्रा के लिए पंजीकरण 20 फरवरी से शुरू होंगे। पंजीकरण के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन व्यवस्था भी होगी। साथ ही यह भी तय हुआ कि परिवहन और पर्यटन विभाग के एक ही एप से पंजीकरण करवाया जाएगा। गत वर्ष दो एप से पंजीकरण होने के चलते यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी।
पिछली बार चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी। इस दौरान पंजीकरण की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी। तीर्थयात्रियों को कई दिनों तक पंजीकरण के लिए इंतजार करना पड़ा था। तीर्थयात्रियों को बस अड्डे और सड़कों पर खुले में रात गुजारनी पड़ी थी। इसलिए बैठक में भीड़, यातायात नियंत्रण, स्लॉट (पंजीकरण) प्रबंधन, यात्रियों के ठहरने के लिए पर्याप्त इंतजाम आदि पर चर्चा की गई।
पहली बार लागू होगी कतार प्रबंधन प्रणाली
चारधामों में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को लाइन में खड़ा न होना पड़े। इसके लिए पहली बार पर्यटन विभाग की ओर से कतार प्रबंधन प्रणाली लागू किया जाएगा। इसके तहत धाम में पहुंचने पर श्रद्धालुओं को एक टोकन दिया जाएगा। जिसमें दर्शन के लिए समय निर्धारित होगा। टोकन प्राप्त करने के बाद श्रद्धालुओं को लाइन में नहीं लगना पड़ेगा।
पिछले साल करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम
2022 में कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने पिछले साल नया रिकॉर्ड बनाया था। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया था।
बता दें कि पिछले वर्ष बदरीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं, रिकॉर्ड संख्या में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुंचे जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ था।