उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेरोजगार संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया. हालांकि यह प्रदर्शन हिंसा का रूप ले लिया, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस ने इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं गिरफ्तार लोगों के समर्थन में बेरोजगार संघ ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी है. बेरोजगार संघ ने कहा कि अगर हमारे संघ के अध्यक्ष बॉबी पवार को आज शाम तक रिहा नहीं किया तो जौनसार के 27 गांव देहरादून का कूच करेंगे.
बता दें, बॉबी पवार बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं. बीते दिन पहले पेपर लीक, भर्ती घोटाले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरना दे रहे बॉबी पवार और उनके समर्थक को पुलिस-प्रशासन ने उपद्रव करने के आरोप में लाठीचार्ज कर गिरफ्तार कर लिया था.
सुशील कुमार बनाए गए जांच अधिकारी
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार को कानून-व्यवस्था की स्थिति और पथराव एवं लाठीचार्ज के पूरे घटनाक्रम की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच के लिए जांच अधिकारी नामित किया गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को कानून-व्यवस्था की स्थिति और लाठीचार्ज के पूरे घटनाक्रम की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए थे. साथ ही सभी तथ्यों और परिस्थितियों की जांच के बाद विस्तृत जांच रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराने को कहा था.
एसएसपी देहरादून आईपीएस दलीप सिंह कुंवर ने बताया था कि शुक्रवार शाम तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. इनमें संघ प्रमुख बॉबी पवार, राम कंडवाल, संदीप, मुकेश सिंह, अनिल कुमार, अमन चौहान, शुभम सिंह नेगी, लुसून टोड़रिया, हरि ओम भट्ट, मोहन कैंथोला, रमेश तोमर, नितिन दत्त और अमित पवार.
पुलिस के साथ मारपीट और गाली गलौज का आरोप
एसएसपी देहरादून के मुताबिक, प्रदर्शन में शामिल इन्हीं की तरह तमाम अराजक तत्वों ने उपद्रवी कृत्य को अंजाम देते हुए कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास किया था. इसकी गवाही सीसीटीवी फुटेज दे रहे हैं. गिरफ्तार हो चुके और वांछितों ने न केवल अमर्यादित भाषा का खुलेआम इस्तेमाल किया, बल्कि सरकारी कामकाज में बाधा डालते हुए धरनास्थल पर ड्यूटी में तैनात पुलिस एवं सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट और गाली गलौज तक की.