इंदौर। शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के शुल्क पर अब जीएसटी देय नहीं होगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआइसी) ने 28 फरवरी को अधिसूचना जारी कर यह राहत प्रदान कर दी है। इससे प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले रहे अभ्यर्थियों को तो राहत मिल ही रही है। अब तक परीक्षा शुल्क को लेकर जारी असमंजस भी दूर हो गया है। हालांकि कालेजों द्वारा विश्वविद्यालयों को भुगतान किए जाने वाले संबद्धता शुल्क पर जीएसटी से राहत नहीं मिलेगी।
2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से शिक्षण संस्थानों के शुल्क पर जीएसटी को लेकर तममाम विरोधाभास और सवाल खड़े हुए। दरअसल जीएसटी लागू होने के साथ ही शिक्षण संस्थानों की शिक्षा सेवाओं को जीएसटी से मुक्ति प्रदान की गई थी। इसके बाद एंट्रेस टेस्ट से लेकर एडमिशन फीस, विभिन्न सर्टिफिकेट की फीस के लिए दी जाने वाली फीस पर जीएसटी को लेकर असमंजस जारी रहा। अगस्त 2022 में जीएसटी के अगले स्पष्टीकरण से साफ कर दिया कि शिक्षण संस्थाओं द्वारा ली जाने वाली एंट्रेस परीक्षाओं और सर्टिफिकेट की फीस भी जीएसटी मुक्त रहेगी। इसके बाद भी विरोधाभास और असमंजस जारी रहा।
दरअसल देश में तमाम ऐसी प्रमुख प्रवेश या प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित होती है जो खुद शैक्षणिक संस्थान नहीं आयोजित करते हैं। इंजीनियर और मेडिकल कालेज के लिए होने वाली प्रमुख परीक्षाएं जेईई और नीट इसमें शामिल है। अनुमान के मुताबिक हर साल इन दो परीक्षाओं में ही 11 लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल होते हैं।दरअसल ये परीक्षाएं आयोजित करवाने की जिम्मेदारी अन्य बाहरी एजेंसियों को दी जाती है। जो सीधे तौर पर शिक्षण संस्थान नहीं है।
कर सलाहकार आरएस गोयल के अनुसार अब 28 फरवरी को ताजा अधिसूचना के जरिए सीबीआइसी ने स्पष्ट किया है कि शिक्षण संस्थान के अलावा अन्य संस्थाएं जो केंद्र या राज्य सरकार द्वारा स्थापित है। जैसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी या राज्य की कोई एजेंसी। वो भी किन्हीं संस्थानों के लिए प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करती है तो उन पर जीएसटी नहीं लगेगा। गोयल के अनुसार ताजा अधिसूचना से यह भी साफ है कि निजी एजेंसियों को यदि परीक्षाएं संचालित करने का जिम्मा दिया जाता है तो जीएसटी से राहत नहीं मिलेगी।
प्रतियोगी परीक्षाओं में नोट लिखा होता है
देवी अहिल्या विवि में आनलाइन सेवाओं के समन्वयक योगेंद्रकुमार बावल के अनुसार जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं के बीते वर्ष के ब्रोशर में फीस के ब्यौरे के साथ यह उल्लेख किया जाता रहा है कि फीस के सात एप्लीकेबल जीएसटी भी देय होगा। इन प्रतियोगी परीक्षाओं में श्रेणी और लिंग के आधार पर फीस 500 रुपये से 2000 रुपये देय होती है। देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए भी प्रवेश परीक्षा का जिम्मा एनटीए को दिया गया था। उसके चलते कई बार टैक्स को लेकर सवाल उठ रहे थे।
कालेजों को राहत नहीं
विश्वविद्यालय कालेजों को संबद्धता देेने के लिए हर वर्ष कोर्स और सीट के अनुपात मेें लाखों रुपये की संबद्धता फीस कालेजों से लेते हैं। इस फीस पर कालेज व विवि को 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकाना होगा।प्रदेश के कई विवि को बीते वर्ष के शुल्क पर जीएसटी चुकाने के लिए जीएसटी विभाग के नोटिस भी मिल चुके हैं। कर सलाहकार अनुज गुप्ता कहते हैं कि संबद्धता शुल्क पर जीएसटी पहले की तरह लागू रहेगा। नोटिफिकेशन से उसमें कोई राहत नहीं मिली है।