नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति यानी एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया. इसमें रेपो रेट पर तो वही हुआ जिसका अंदाजा था यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ. हालांकि अपने संबोधन में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज यूपीआई को लेकर बड़ा फैसला लिया है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए. आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने आज रेपो रेट जैसे फैसलों के साथ 5 और बड़े फैसलों का ऐलान किया जो खास तौर पर आपके लिए अच्छे रहेंगे.
UPI के जरिए टैक्स पेमेंट की सीमा में 4 लाख रुपये की बढ़ोतरी
आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. यानी ऐसे हर ट्रांजेक्शन पर अब यूपीआई के जरिए 5 लाख रुपये तक भेजे जा सकेंगे. फिलहाल यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन करने से आपको यूपीआई के जरिए बड़े पेमेंट करने में आसानी होगी और समय बचेगा.
आरबीआई गवर्नर ने यूपीआई के फैसले पर क्या कहा
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कुछ खास हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन को छोड़कर यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट लिमिट 1 लाख रुपये है जिसे बढ़ाने की मांग की जा रही थी और इस मांग को आरबीआई एमपीसी ने स्वीकार किया है.
UPI के लिए एक और बड़ा फैसला
आरबीआई ने यूपीआई के जरिए डेलिगेटेड पेमेंट्स की फैसिलिटी को लेकर बड़ा ऐलान किया है. इसके तहत प्राइमरी यूजर को सेकेंडरी यूजर को यूपीआई ट्रांजेक्शन करने में आसानी होगी. एक तय लिमिट तक का ट्रांजेक्शन यूपीआई से हो सकता है और इसके लिए सेकेंडरी यूजर को अलग बैंक खाते की जरूरत नहीं होगी.
UPI बन चुका है भारतीयों की आदत
यूपीआई का फायदा रोजाना करोड़ों भारतीय उठा रहे हैं. यूपीआई के जरिए बड़ी आसानी से क्यूआर स्कैन करके या केवल फोन नंबर के जरिए लोग जगह-जगह पेमेंट कर पा रहे हैं. केवल स्कैनर या मोबाइल नंबर ही नहीं यूपीआई आईडी के जरिए भी बेहद आसानी से पैसा भेजा या मंगाया जा सकता है. लिहाजा टैक्स पेमेंट के ट्रांजेक्शन की पेमेंट लिमिट बढ़ाने का आरबीआई का फैसला आम लोगों को बड़ा फायदा दे सकता है.